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योजना के तहत लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा जो खाद्य सुरक्षा अधिनियम, सामाजिक-आर्थिक जनगणना 2011, संविदा कर्मचारी, लघु-सीमांत किसान अथवा 8 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों से हैं.अन्य लोग 850 रुपये वार्षिक …और पढ़ें

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आयुर्वेदिक चिकित्सा 

हाइलाइट्स

  • मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में आयुर्वेदिक अस्पताल भी शामिल.
  • उदयपुर के 4 आयुर्वेदिक अस्पताल योजना में शामिल.
  • 850 रुपये वार्षिक प्रीमियम देकर अन्य लोग भी लाभ ले सकते हैं.

उदयपुर. मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना (मा) के तहत 25 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा अब आयुर्वेदिक अस्पतालों में भी उपलब्ध होगी. अगले माह से शुरू हो रही इस सुविधा के पहले चरण में प्रदेश के 120 में से 84 राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों को शामिल किया गया है. निजी आयुर्वेदिक अस्पतालों को अभी इस योजना में शामिल नहीं किया गया है.

उदयपुर जिले से मोती चौहट्टा, सिंधी बाजार, मावली और सायरा स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल इस योजना में शामिल किए गए हैं. इन सभी अस्पतालों में पंचकर्म पद्धति से इलाज की सुविधा पहले से उपलब्ध है. अब मरीजों को अस्थमा, लकवा, पार्किंसन, गठिया, कमर और गर्दन दर्द जैसी 20 प्रमुख बीमारियों के इलाज के लिए विशेष पैकेज के तहत आईपीडी और डे-केयर सुविधा मुफ्त में उपलब्ध होगी.

पंचकर्म की लोकप्रियता को देखते हुए चयन
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, जिले के आयुर्वेदिक अस्पतालों में प्रतिदिन औसतन 2100 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. पंचकर्म इलाज की लोकप्रियता को देखते हुए पहले चरण में उन्हीं अस्पतालों को योजना में शामिल किया गया है, जहां यह पद्धति पहले से संचालित है.

सिंधी बाजार औषधालय को मिलेगा अस्पताल का दर्जा
सिंधी बाजार स्थित औषधालय में 2014 से पंचकर्म पद्धति से इलाज किया जा रहा है. यहां अब तक लगभग 50 हजार मरीज लाभ ले चुके हैं. जल्द ही इसे अस्पताल का दर्जा मिलेगा. दर्जा मिलने के बाद यह औषधालय योजना में नियमित रूप से शामिल हो गया है.

किन लोगों को मिलेगा योजना का लाभ
योजना के अंतर्गत वही लोग लाभार्थी होंगे जो खाद्य सुरक्षा अधिनियम, सामाजिक-आर्थिक जनगणना 2011, संविदा कर्मचारी, लघु एवं सीमांत किसान अथवा 8 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों से हैं. अन्य लोग 850 रुपये का वार्षिक प्रीमियम देकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं.

अस्पतालों के संसाधनों में होगी वृद्धि
इस योजना से महंगे इलाज की सुविधा सुलभ होगी. साथ ही आयुर्वेदिक अस्पतालों के संसाधनों में भी वृद्धि होगी. योजना के तहत मिलने वाली राशि से अस्पतालों में नई मशीनें और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा. इससे आमजन में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा.

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