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बाराबंकी. सर्दियों के सीजन में शिमला मिर्च की मांग बढ़ जाती है जिस वजह से किसानों के लिए शिमला मिर्च की खेती बहुत ज्यादा लाभकारी साबित होती है. इसकी खेती से न केवल जबरदस्त पैदावार मिलती है बल्कि शिमला मिर्च की बाजार में डिमांड भी बहुत ज्यादा अधिक मात्रा में रहती है. लोग इसका सेवन करना बहुत पसंद करते हैं. सर्दियों के मौसम में उगाई जाने वाली इस फसल की मार्केट में अच्छी कीमत मिलती है क्योंकि शिमला, मिर्च एक बार लगाने के बाद 4 महीने तक फसल देती रहती है, जिससे किसानों को लाखों रुपए मुनाफा होता है.
चाहिए ऐसी मिट्टी
हरी शिमला मिर्च की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी होती है. मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ अच्छी मात्रा में मौजूद हों और जल निकासी भी बेहतर हो तो शिमला मिर्च की खेती से अच्छी उपज मिलती है. वहीं बाराबंकी जिले के सफीपुर गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान प्रमोद वर्मा ने अन्य खेती के साथ-साथ शिमला मिर्च की खेती की शुरुआत की, जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा देखने को मिला. आज वे करीब एक एकड़ में शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग उन्हें एक से डेढ़ लाख रुपए तक एक फसल पर मुनाफा हो रहा है.
होता है इतना मुनाफा
शिमला मिर्च की खेती करने वाले प्रगतिशील किसान प्रमोद वर्मा ने लोकल 18 से बातचीत में बताया शिमला मिर्च की खेती करीब चार-पांच सालों से कर रहे हैं. शिमला मिर्च की खेती अन्य फसलों के मुकाबले ज्यादा मुनाफा देकर जाती है. इस समय हमारे पास करीब एक एकड़ में शिमला मिर्च लगी है जिसमें लागत करीब एक एकड़ में एक लाख रुपये के आसपास आती है क्योंकि इसमें बीज, कीटनाशक, दवाइयां, पानी लेबर आदि का खर्च थोड़ा ज्यादा आता है.
वहीं मुनाफा करीब एक फसल पर खर्च निकाल कर एक से डेढ़ लाख रुपए तक हो जाता है. ये इंदिरा किस्म की मिर्च है, इस मिर्च की खास बात यह है इसकी डिमांड काफी ज्यादा रहती है. इसकी खेती मल्च विधि से की जाती है. इससे सर्दियों में पेड़ को गर्मी मिलती रहती है और खरपतवार जमाव कम होता है, जिससे फसल अच्छी पैदावार देती है.
कैसे करते हैं इसकी खेती
शिमला मिर्च की खेती करना बहुत आसान है. पहले इसके बीज लाते हैं फिर उसकी नर्सरी तैयार करते हैं फिर खेत की गहरी जुताई कर खाद आदि डालकर खेत तैयार करते हैं. फिर पूरे खेत में मेड़ बनाकर उस पर पन्नी बिछा देते हैं, जिसे मल्च विधि कहते हैं. फिर इसमे थोड़ी-थोड़ी दूरी पर छेद करके शिमला मिर्च के पौधे की रोपाई की जाती है.
फिर तुरंत सिंचाई कर दी जाती है. जब पेड़ थोड़ा बड़ा होने लगता है फिर इसमें खाद, कीटनाशक दवाई का छिड़काव करना होता है. बस इसकी थोड़ी बहुत देखरेख करनी पड़ती है. वहीं पौधा लगाने के महज 60 से 70 दिन बाद फसल निकलना शुरू हो जाती है जो करीब चार महीने तक चलती है.
Tags: Agriculture, Barabanki News, Local18, News18 uttar pradesh
FIRST PUBLISHED : January 4, 2025, 07:39 IST
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