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Kashmir and Cricket:कश्मीर घाटी में भारतीय क्रिकेट टीम ने दो मैच खेले हैं. पहला मुकाबला 1983 में हुआ और दूसरा मैच 1986 में खेला गया. अफसोस की बात है कि दोनों ही मैच में भारत को जीत नसीब नहीं हुई.

कश्मीर घाटी में क्यों नहीं होते भारतीय टीम के मैच?
हाइलाइट्स
- कश्मीर में भारतीय टीम ने खेले सिर्फ दो मैच
- दोनों ही मैच में भारतीय टीम को हार मिली
- पहली बार वेस्टइंडीज और फिर ऑस्ट्रेलिया ने हराया
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई मासूम बेगुनाह भारतीयों ने अपनी जान गंवा दी. आतंकियों की इस कायराना हरकत के बाद पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए भारत ने पाकिस्तान की छह दशक से ज्यादा पुरानी सिंधु जल संधि स्थगित कर दी. अब भारत-पाकिस्तान के रिश्ते एकबार फिर कड़वाहट भरे होने वाले हैं.
जब साल 2019 में आर्टिकल 370 हटाया गया था तो लगा था कि दूसरे क्षेत्रों की तरह कश्मीर में क्रिकेट का भी विकास होगा. मगर मौजूदा हालात और सुरक्षा व्यवस्था की हालत देखते हुए इसे दूर की कौड़ी ही समझा जाए.
क्या कश्मीर में कभी इंटरनेशनल मैच हुए हैं?
जी हां. कश्मीर घाटी इंटरनेशनल मैच की मेजबानी कर चुका है. जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम स्थित है. ये मैदान अबतक दो इंटरनेशनल मैच का गवाह बन चुका है. ये दोनों ही मुकाबले वनडे फॉर्मेट में खेले गए थे. आपको जानकर अफसोस होगा कि टीम इंडिया दोनों में से एक भी मैच नहीं जीत पाई.
80 के दशक में क्या हुआ था?
श्रीनगर में हुए भारत के दोनों मैच 80 के दशक में हुए. पहला मुकाबला 13 अक्टूबर 1983 को हुआ था, जिसमें भारत और वेस्टइंडीज के बीच टक्कर हुई थी. इस मैच में वेस्टइंडीज 28 रन से जीता था. चंद महीने पहले ही भारत ने लॉर्ड्स में अपना पहला विश्व कप वेस्टइंडीज को हराकर ही जीता था. इसके बाद दोनों टीम की टक्कर श्रीनगर में हुई. भारत की कप्तानी कपिल देव तो वेस्टइंडीज की कमान क्लाइव लॉयड संभाल रहे थे. इसके बाद श्रीनगर में अगला मैच तीन साल बाद यानी 1986 में हुआ. ऑस्ट्रेलिया ने भारत को छह गेंद पहले तीन विकेट से हराया था.
अब क्यों नहीं होते श्रीनगर में मैच?
अब सिर्फ मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता और चेन्नई ही नहीं बल्कि भारत के लगभग हर बड़े शहर में सर्वसुविधायुक्त स्टेडियम बनकर तैयार है. इसके मुकाबले कश्मीर में खेल सुविधाओं का अभाव है. साथ ही साथ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स की सिक्योरिटी भी एक बड़ा मुद्दा है. शायद यही कारण है कि बीसीसीआई कश्मीर में पिछले तीन दशक से कोई मैच नहीं करवा रही.
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