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कहानी आधुनिक कृषि के उस वरदान की जो बदल रहा खेती की तस्वीर

गाजीपुर. ड्रोन तकनीक ने भारतीय कृषि में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं. किसान अब बड़े क्षेत्रों में कम समय में कीटनाशक, उर्वरक और दवाओं का छिड़काव करने लगे हैं, जिससे श्रम और समय दोनों की बचत होती है. पिछले कुछ वर्षों में कृषि ड्रोन तकनीक में काफी सुधार हुआ है. अब किसान भाई भी इस बात को समझने लगे हैं कि कैसे ड्रोन तकनीक से उन्हें खेती में मदद मिल सकती है और उसे मुनाफे में बदला जा सकता है.

यही कारण है कि कृषि ड्रोन को आधुनिक खेती का नायक कहा जाने लगा है. पादप रोग वैज्ञानिक डॉ. ओंकार सिंह के अनुसार, ड्रोन के माध्यम से फसलों पर कीटनाशकों का सटीक छिड़काव संभव है, जिससे फसल सुरक्षा में वृद्धि होती है.

चुटकियों में मूल्यांकन
ड्रोन में लगे हाइपरस्पेक्ट्रल, थर्मल या मल्टीस्पेक्ट्रल सेंसर मिट्टी की नमी, पोषक तत्वों की मात्रा और उर्वरता का मूल्यांकन चुटकियों में कर देते हैं. इससे किसान सिंचाई, उर्वरक और रोपण कार्यों की बेहतर योजना बना सकते हैं. इसके अलावा ड्रोन फसल निगरानी में मदद करते हैं, जिससे कीटों के हमले और रोगों का समय पर पता लगाया जा सकता है.

बढ़ रहा भरोसा
सरकार ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी भी दे रही है. इस कारण भी किसानों के बीच कृषि ड्रोन का उपयोग बढ़ा है. ड्रोन के माध्यम से कीटनाशकों और उर्वरकों के छिड़काव पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है. ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव करने से भूमि प्रदूषण कम होता है और फसल उत्पादन में वृद्धि होती है. इसके अलावा, ड्रोन उड़ाने के लिए विशेष कौशल की जरूरत होती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं.

Tags: Ghazipur news, Local18

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