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कन्नौज. इत्र नगरी कन्नौज में मौसम के हिसाब से भी बहुत सारे इत्र बनाए जाते हैं. पुरुष वर्ग जो काम-धंधों के सिलसिले में अक्सर घरों से बाहर रहते हैं उन्हें सर्दी लगने के चांस ज्यादा होते हैं. ऐसे में उनके लिए कन्नौज के ये दो इत्र बहुत काम आ सकते हैं. ये इत्र खुशबूदार होने के साथ-साथ शरीर को गर्माहट भी पहुंचाते हैं. गर्मियों के मौसम में जहां ‘खस’ और ‘केवड़े’ का बहुत महत्त्व होता है तो वहीं सर्दियों के मौसम में ‘शमामा’ और ‘ऊद’ के इत्र की डिमांड बढ़ जाती है.
कैसे किया जाता है तैयार
शमामा का इत्र कई किस्म के गरम मसाले, लौंग, इलायची, कपूर और जड़ी बूटियों से तैयार किया जाता है. इसके चलते यह बहुत गर्म इत्र माना जाता है. एक तरह से यह एसेंशियल ऑयल का भी काम करता है, जो शरीर में बॉडी लोशन की तरह लगने से गर्माहट देता है. ऊद का इत्र एक विशेष लकड़ी से बनता है और वह भी बहुत गर्म होता है, जो शरीर में गर्माहट बनाए रखता है. सर्दियों में कपड़ों पर अजीब से स्मेल आने पर इन इत्रों के प्रयोग से वह स्मेल भी नहीं आती है. इसके रेट की बात की जाए तो ये 800 रुपये से शुरू होकर 6000 से 8000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक में मिलता है.
क्या बोले इत्र व्यापारी
इत्र व्यापारी निशीष तिवारी बताते हैं कि पुरुषों में बड़ा वर्ग बाइक से काम पर निकलता है, ऐसे में कन्नौज में बनने वाले शमामा और ऊद का इत्र सर्दियों में ऐसे लोगों के लिए बहुत काम के हैं. ये खुशबू के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं. इन इत्रों की तासीर बहुत गर्म होती है जिस कारण इनका इस्तेमाल बॉडी लोशन की तरह करने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है.
FIRST PUBLISHED : December 31, 2024, 21:48 IST
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