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लखनऊ के कृष्णानगर में 15 साल की लड़की ने अपनी मां को नींद की गोलियां खिलाईं ताकि वह बॉयफ्रेंड से मिल सके. मां की तबीयत बिगड़ने पर मामला उजागर हुआ. लड़की को काउंसलिंग और शेल्टर होम भेजा गया.

लड़की अपनी मां को नींद की गोलियां देती थी.
हाइलाइट्स
- लड़की ने मां को नींद की गोलियां खिलाईं.
- मां की तबीयत बिगड़ने पर मामला उजागर हुआ.
- लड़की को काउंसलिंग और शेल्टर होम भेजा गया.
लखनऊ के कृष्णानगर में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने हर माता-पिता को अपने बच्चों के साथ रिश्ते पर फिर से सोचने के लिए मजबूर कर दिया. एक 15 साल की लड़की ने अपनी मां को तीन महीने तक नींद की गोलियां खिलाईं, ताकि वह गहरी नींद में सो जाए और लड़की अपने बॉयफ्रेंड से रात भर बात कर सके या उससे मिलने जा सके. यह सनसनीखेज मामला तब उजागर हुआ, जब मां की तबीयत बिगड़ने लगी और डॉक्टरी जांच में पता चला कि उनके शरीर में नींद की गोलियों की अधिक मात्रा मौजूद है. लड़की ने कबूल किया कि उसने रोजाना मां के खाने में तीन से चार गोलियां मिलाईं और उनकी नींद का फायदा उठाकर अपनी मनमानी की. इस घटना ने न केवल परिवार को झकझोर दिया, बल्कि समाज में बच्चों और माता-पिता के बीच बढ़ती दूरी को भी उजागर किया.
इस मामले की गहराई में जाने पर पता चला कि लड़की के पास से नींद की गोलियों के साथ-साथ जहर की एक शीशी भी बरामद हुई, जिसे उसके बॉयफ्रेंड ने उसे दिया था. लड़की ने स्वीकार किया कि उसने पहले अपनी मां को मारने की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में उसने यह कदम नहीं उठाया और केवल नींद की गोलियां देना जारी रखा. यह सुनकर परिवार और पुलिस स्तब्ध रह गए. लड़की की इस हरकत के पीछे का कारण था उसका बॉयफ्रेंड के साथ गहरा भावनात्मक जुड़ाव और माता-पिता से संवाद की कमी. इस घटना के बाद लड़की को काउंसलिंग के लिए भेजा गया और उसे शेल्टर होम में रखा गया. यह मामला न केवल एक परिवार की कहानी है, बल्कि आज के दौर में किशोरों यानी टीनएजर्स और उनके माता-पिता के बीच बढ़ते तनाव और गलतफहमियों का साइन है.
आजकल किशोरों और माता-पिता के बीच रिश्तों में दूरी बढ़ती जा रही है. टीनएज वह उम्र है, जहां बच्चे अपनी स्वतंत्रता चाहते हैं और भावनात्मक रूप से कमजोर होते हैं. इस उम्र में वे आसानी से गलत संगत या सोशल मीडिया के प्रभाव में आ सकते हैं. लखनऊ की इस घटना में लड़की का बॉयफ्रेंड के साथ रिश्ता और उसकी गलत सलाह ने उसे इतना बड़ा कदम उठाने के लिए प्रेरित किया. माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के साथ खुलकर बात करें, उनकी भावनाओं को समझें और उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें. अगर माता-पिता बच्चों को केवल डांटने या रोकने की बजाय उनकी दोस्ती करें, तो बच्चे अपनी समस्याएं खुलकर साझा कर सकते हैं. इस मामले में अगर लड़की को अपने माता-पिता से भावनात्मक समर्थन मिला होता, तो शायद वह इस हद तक न जाती.
किशोरों के इस तरह के चरम कदमों के पीछे कई कारण हो सकते हैं. आजकल सोशल मीडिया और ऑनलाइन दोस्तियां बच्चों को जल्दी प्रभावित करती हैं. वे प्यार, दोस्ती या स्वतंत्रता के नाम पर गलत रास्तों पर चल पड़ते हैं. लखनऊ की इस लड़की ने अपने बॉयफ्रेंड के कहने पर इतना बड़ा कदम उठाया, क्योंकि उसे लगता था कि वह उससे सच्चा प्यार करती है. यह उम्र ऐसी होती है, जहां बच्चे सही-गलत का फैसला करने में अक्सर गलती कर जाते हैं. माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को सही और गलत के बीच का अंतर समझाएं और उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि वे हर परिस्थिति में उनके साथ हैं. अगर बच्चे अपने माता-पिता को अपना दोस्त मानें, तो वे बाहर के लोगों के प्रभाव में कम आएंगे.
यह घटना समाज के लिए एक सबक है. माता-पिता को अपने बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए, उनकी भावनात्मक जरूरतों को समझना चाहिए और उन्हें सही मार्गदर्शन देना चाहिए. साथ ही, स्कूलों और उनके संगत पर भी ध्यान रखना चाहिए, ताकि वे गलत संगत और ऑनलाइन खतरों से बच सकें. बच्चों को मोबाइल और इंटरनेट के सही उपयोग के बारे में शिक्षित करना जरूरी है. इस तरह की घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि कहीं हम अपने बच्चों से कट तो नहीं रहे? अगर हम समय रहते उनके साथ एक मजबूत रिश्ता बनाएं, तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है.
विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 2 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18…और पढ़ें
विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 2 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18… और पढ़ें
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