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Side effects of doing night shift: आजकल अधिकतर प्राइवेट ऑफिस में नाइट ड्यूटी लगाई जाने लगी है. इससे इंसान रात भर जागता है और दिन में सोता है. ऐसी स्थिति में नींद सही से पूरी नहीं होती, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं …और पढ़ें

रात में जागने और दिन में सोने से व्यक्ति की याद करने की क्षमता प्रभावित होती है.
हाइलाइट्स
- रात की ड्यूटी से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
- सर्कैडियन रिदम गड़बड़ाने से नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है.
- नींद पूरी न होने से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर हाई, चिड़चिड़ापन आदि हो सकता है.
Side effects of doing night shift on Health: आजकल का वर्क कल्चर पुराने जमाने से काफी बदल गया है. पहले अधिकतर ऑफिस में 9-5 की ड्यूटी हुआ करती थी, लेकिन आज आलम ऐसा है कि लोग सुबह, दोपहर, शाम, रात हर समय किसी ना किसी शिफ्ट में काम करते ही रहते हैं. अधिकतर प्राइवेट कॉर्पोरेट कंपनियों में लोगों की सुबह तो ड्यूटी लगती ही है, अब नाइट शिफ्ट भी लगने लगी है. अब रात भर जागकर काम करना लोगों की मजबूरी हो गई है. घर चलाना है, परिवार का पेट पालना है, बच्चों को पढ़ाना-लिखाना है आदि के बीच लोग परेशान होकर एक झटके में नौकरी छोड़ भी नहीं सकते हैं. ऐसे में वे चुपचाप किसी भी शिफ्ट में काम करते हैं, फिर वह चाहे नाइट शिफ्ट ही क्यों न हो.
नाइट ड्यूटी का चलन दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, कोलकाता जैसे मेट्रो सिटीज में कई कंपनियों में तेजी से बढ़ा है. जो लोग रात में काम करते हैं, वे दिन में सोते हैं. ऐसे में दिन के शोर-शराबे में नींद भी सही से पूरी नहीं होती है. प्रॉपर नींद न लेने से कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं. बेशक, आपको आज कोई तकलीफ महसूस न हो, लेकिन आगे चलकर इसका अंजाम सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.
नाइट शिफ्ट में काम करने के नुकसान (Raat me kam karne ke nuksan)
सीके बिरला हॉस्पिटल के डॉ. तुसार तायल के अनुसार, नाइट ड्यूटी करने वाले लोग इसे आज सामान्य प्रक्रिया के रूप में ले रहे हैं, लेकिन अगर वे इसी तरह से लंबे समय तक रात में जागते रहे, तो उन्हें विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. कुछ लोग ये भी सोचते हैं कि दिन में सोएं या रात में, इससे क्या फर्क पड़ता है.
डॉ. तुसार कहते हैं कि नींद का समय से बड़ा गहरा रिश्ता है. रात को सोने में और दिन को सोने में जमीन-आसमान का फर्क होता है. हमारे शरीर में नींद लाने का एक सिस्टम होता है, उसे सर्कैडियन रिदम (Circadian Rhythm) कहते हैं. इसके अनुसार, हमारे शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन रिलीज होना शुरू हो जाता है, जो कि नींद लाने में सहायक होता है. ऐसी स्थिति में जिन लोगों को दिन में सोना पड़ता है और रात में काम करना पड़ता है, उन लोगों में यह सर्कैडियन रिदम गड़बड़ा जाता है. इससे उन्हें विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
जब आप नाइट ड्यूटी करके दिन में सोने की कोशिश करते हैं, तो आपको नींद अच्छी नहीं आती है, जैसे रात में सुकून की नींद आती है. ऐसा लगातार होता रहे, तो शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
रात में जागने और दिन में सोने से व्यक्ति की याद करने की क्षमता भी प्रभावित होती है. बात-बात पर इंसान गुस्सा करने लगता है. मन चिड़चिड़ा रहता है. किसी काम को करने में मन नहीं लगता. एकाग्रता भंग हो जाती है. डायबिटीज, ब्लड प्रेशर बढ़ना, हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या हो सकती है.
यदि आप रात में शिफ्ट करते हैं तो ऐसी स्थिति में दिन में सोते समय अपने कमरे की लाइट बंद कर दें. रोशनी बिल्कुल भी न हो. इससे काफी हद तक अच्छी नींद आएगी. यह भी जरूरी है कि आप लगातार नाइट ड्यूटी न करें वरना आपका स्लीप साइकल बिगड़ सकता है. ऐसी स्थिति में आपका ग्रोथ हॉर्मोन भी प्रभावित हो सकता है. आपकी शारीरिक वृद्धि भी बंद हो सकती है.
इनपुट-आईएएनएस
February 27, 2025, 08:34 IST
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