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UP News: उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में आवारा पशुओं के आतंक की खबरें सामने आती हैं. इसी क्रम में प्रदेश के दो जिलों से दहलाने वाली घटनाएं सामने आईं, जिनमें मासूम बच्चे आवारा जानवरों के हमले का शिकार हो गए.

कहीं सांड, तो कहीं कुत्ता…मासूमों की जान के दुश्मन बने आवारा जानवर, 2 बच्चों की दर्दनाक मौत

हरदोई और अलीगढ़ में बच्चों की मौत.

हाइलाइट्स

  • हरदोई में सांड के हमले से 7 साल के बच्चे की मौत.
  • अलीगढ़ में कुत्ते के काटने से 3 साल के बच्चे की मौत.
  • आवारा जानवरों के हमले से यूपी में बच्चों की मौतें.

रिपोर्टः आशीष मिश्रा\ हरदोई, रंजीत सिंह\ अलीगढ़

हरदोई: 7 साल का मासूम बच्चा जैसे ही सोकर उठा तो पिता को घर में न पाकर बाहर निकल गया. पिता को ढूंढ़ते-ढूंढ़ते वह सड़क पर जा पहुंचा, जहां दो साड़ों की लड़ाई के बीच फंस गया. सांड ने सींग में फंसाकर उसे उठाकर पटक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. यह घटना उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में हुई. तो वहीं अलीगढ़ जिले से भी दिल दहलाने वाली घटना सामने आई, जहां कुत्ते के काटने पर बच्चे का परिवार ने इलाज नहीं कराया. कुछ ही दिन बाद वह अजीब हरकतें करने लगा और उसकी मौत हो गई.

हरदोई जिले के हरियावां थाना इलाके के लिलवल गांव का रहने वाला बच्चा पिता को खोजने घर के बाहर सड़क पर निकला. मासूम को आपस में लड़ रहे सांडों में से एक ने सींग से उठाकर फेंक दिया. गंभीर रूप से घायल मासूम को सीएचसी टड़ियावां ले जाया गया. यहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. पिता छुटक्के वाल्मीकि सूप बनाने का काम करता है. उनकी पत्नी का चार साल पहले निधन हो गया था. परिवार में तीन बेटे हैं. छुटक्के चाय-पत्ती खरीदने के लिए गांव में ही दुकान पर गया था. इसी दौरान उसका दूसरे नंबर का बेटा प्रदीप (7) जाग गया. पिता को घर में न देख वह उन्हें खोजते हुए बाहर इंटरलॉकिंग सड़क पर आ गया. जहां सांड के हमले से उसकी मौत हो गई.

दूसरी घटना अलीगढ़ जिले के छर्रा थाना इलाके के नगला नत्थू गांव की है. जहां बीते एक महीने में दर्जनों बच्चों को इन कुत्तों ने काटकर जख्मी कर दिया है. इसी कड़ी में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहां तीन वर्षीय मासूम अंशु पुत्र भोजराज की कुत्ते के काटने से मौत हो गई. प्राप्त जानकारी के अनुसार, अंशु को करीब एक माह पूर्व एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था, लेकिन उसके माता-पिता ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया. किसी प्रकार का टीकाकरण या इलाज नहीं कराया. अंशु की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उसने अजीबोगरीब हरकतें शुरू कर दीं, जो सामान्यतः रेबीज के लक्षण माने जाते हैं.

परिजन तत्काल उसे अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज लेकर रवाना हुए, लेकिन रास्ते में ही अंशु ने दम तोड़ दिया. इस घटना से पूरे गांव में शोक और भय का माहौल है. मृतक अंशु तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था. उसकी असमय मौत ने परिवार को तोड़कर रख दिया है, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.

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कहीं सांड, तो कहीं कुत्ता…मासूमों की जान के दुश्मन बने आवारा जानवर

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