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बलिया: आज के आधुनिक दौर में लोग आरो (RO) के पानी की तरफ रुख किए हैं, यहां तक की तमाम आरो प्लांट की संस्थाएं हैं, जो घर-घर पानी पहुंचाती हैं, लेकिन ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि यह पानी कहीं हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक तो नहीं है. बिल्कुल सही सुना है आपने कुछ लोग व्यक्तिगत रूप से घर पर भी छोटा आरो लगा ले रहे हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य पानी को फिल्टर करने से है. लेकिन सबसे बड़ी बात टीडीएस से जुड़ी हुई है. अगर टीडीएस निर्धारित मापदंड के अनुसार नहीं है, तो यह पानी वो भी गर्मी के दिनों में पीना आपके लिए घातक सिद्ध हो सकता है. ये आपकी सेहत को बुरी तरह से बिगाड़ सकता है. एक्सपर्ट ने लोकल 18 को जन जागरूकता के तौर पर यह विशेष जानकारी दी है. विस्तार से जानिए…

बलिया के श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय के मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के एचओडी प्रो. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि “पेयजल एक का बहुत बड़ा मुद्दा है. पीने वाले पानी के भी तमाम क्राइटेरिया और अलग-अलग मापदंड है. इनदिनों गर्मी का दिन चल रहा है, इस दौरान शरीर से पसीना के साथ बहुत सारा सॉल्ट शरीर से निकलता रहता है. ऐसी स्थिति में बार-बार पानी पीने की इच्छा होती है.

क्यों शरीर में रह रही है दिन भर सुस्ती और कमजोरी, क्या है पानी का मापदंड?…

पानी में नाइट्रेट की मात्रा 25 पीपीएम से कम और बोरॉन की मात्रा 0.4 पीपीएम से कम होना चाहिए. पानी में धात्विक प्रदूषण का भी मात्रा निर्धारित है. सबसे बड़ी बात पानी में टीडीएस यानी सॉल्ट की मात्र 125 से लेकर के 225 मिलीग्राम प्रति लीटर के बीच में होना चाहिए. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, टीडीएस की मात्रा 300 MG प्रति लीटर से कम होनी चाहिए. आज के दौर पानी बेचने वाले लोग या घर में भी पानी में टीडीएस की मात्रा चाहे जितनी भी हो, लोग बिना सोचे समझे मशीन लगा दे रहे हैं. चुकी यह मशीन पानी को छान कर हानिकारक सूक्ष्मजीव को अलग कर दे रही है, लेकिन टीडीएस 100 से कम होने के कारण शरीर में लवण की मात्रा कम मिल रही है. यही वजह है कि हर व्यक्ति को सुस्ती, ब्लड प्रभावित, संश्लेषण की समस्या, हड्डियों की समस्या, मांसपेशियों की समस्या, पाचन की समस्या और कमजोरी महसूस हो रही है.

जरूरी है पानी के टीडीएस का जांच

इसके तुलनात्मक अगर जांच कराकर अपने साफ-सुथरे हैंडपंप का पानी पिया जाए जिसमें आयरन, अल्युमिनियम, आर्सेनिक और क्लोराइड कम मात्रा में हो तो कोई समस्या नहीं होगी. राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो पानी के मापदंडों को निर्धारित करने वाली व्यवस्थाएं हैं, उनमें इतना तक रिपोर्टेड है कि अगर पानी का टीडीएस 400 तक है, तब भी आप उसे पी सकते हैं, आरो मशीन लगाने की जरूरत नहीं है. आरो मशीन लगाते समय ध्यान रखें कि पानी का टीडीएस 100 से ऊपर और ढाई सौ से नीचे हो, तो स्वास्थ्य के लाभदायक और उपयुक्त है.

कैसे किया जा सकता है टीडीएस की जांच

थोड़ा चौड़ा पेन की तरह दिखने वाला एक उपकरण मिलता है, जो बड़े सस्ते दाम में बाजार में मिल जाता है. ज्यादातर मशीन लगाने वाली संस्थाएं भी टीडीएस मीटर अपने जेब में लिए रहते हैं, जो तुरंत टीडीएस नाप कर बता देते हैं. आसानी से कहीं से भी नपवाया जा सकता है. अगर दूसरे के नापने पर डाउट है, छोटा सा पॉकेट टीडीएस मीटर खुद खरीद सकते हैं, जो लगभग चार-चार सौ रुपए में मिल जाता है.

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