Latest Posts:
Search for:

[ad_1]

कानपुर: अप्रैल शुरू होते ही देशभर के प्राइवेट स्कूलों में नया सत्र शुरू हो जाता है. यह समय बच्चों के माता-पिता के लिए काफी तनाव भरा होता है. बच्चों के लिए बढ़िया स्कूल सेलेक्ट करना और उसके बाद प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए होने वाला तामझाम अभिभावकों को काफी परेशान कर देता है. इसके बाद इन स्कूलों की भारी फीस भरने और महंगी किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने की टेंशन उन्हें और हताश कर देती है. इतना ही नहीं सरकार और प्रशासन की लापरवाही और मिलीभगत के चलते ये प्राइवेट स्कूल अपनी मनमर्जी से फीस बढ़ाते रहते हैं. इससे अभिभावकों की जेब पर भारी असर पड़ता है. अब इन स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई जा रही है.

इस बार कानपुर के डीएम ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है. उन्होंने निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए जनपदीय शुल्क समिति बना दी है. इस समिति के जरिए अभिभावक अपनी शिकायतें सीधे अधिकारियों तक पहुंचा सकेंगे. अगर किसी स्कूल ने मनमाने ढंग से फीस बढ़ाई होगी या फिर जबरन महंगी किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव बनाया होगा तो इस पर सख्त कार्रवाई होगी. डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अगर कोई भी निजी स्कूल नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.

कब और कैसे कर सकते हैं शिकायत
डीएम ने बताया कि अभिभावक 5 अप्रैल तक अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं. इसके लिए उन्हें डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक) अरुण कुमार के कार्यालय में लिखित प्रार्थना पत्र जमा करना होगा. इसके बाद 7 अप्रैल को एक बैठक होगी, जिसमें डीआईओएस समेत शुल्क समिति के सभी सदस्य मौजूद रहेंगे. इस बैठक में स्कूलों की तरफ से की गई मनमानी पर चर्चा होगी और जरूरी कदम उठाए जाएंगे.

हर साल बढ़ती परेशानी
हर साल अप्रैल में निजी स्कूलों के बाहर बुक स्टॉल्स पर भीड़ लगी रहती है. अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चे की पढ़ाई सुचारू रूप से चले, इसलिए वे महंगी किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने को मजबूर होते हैं. वहीं, स्कूलों का मनमाने ढंग से फीस बढ़ाना भी उनकी चिंता का कारण है.

कानपुर के निजी स्कूलों के आंकड़े
सीबीएसई स्कूल: 125 से अधिक

आईसीएसई स्कूल: 100 से अधिक

यूपी बोर्ड के अंग्रेजी माध्यम स्कूल: 15 से अधिक

सीबीएसई स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र: 15,000-20,000

आईसीएसई स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र: 10,000

यूपी बोर्ड के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में छात्र: 5,000

क्या होगा आगे
अब जब शुल्क समिति बन गई है, तो अभिभावकों को उम्मीद है कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा. डीएम का कहना है कि अगर कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. इससे शहर के हजारों अभिभावकों को राहत मिलेगी और स्कूलों की मनमानी पर भी रोक लगेगी.

[ad_2]

Source link

Author

Write A Comment