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कानपुर से था पूर्व पीएम बाजपेयी का गहरा नाता, गंगा किनारे सजती थी महफिल, इस कॉलेज में एक साथ पढ़ते थे पिता-पुत्र

अखंड प्रताप सिंह/ कानपुर: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी  का आज जन्मदिन है. देशभर में उनके जन्मदिन पर कई कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं. आज हम आपको अटल बिहारी वाजपेई का कानपुर से क्या खास नाता था, इसके बारे में बताएंगे. कानपुर से न केवल उन्होंने पढ़ाई की थी बल्कि यहां पर उन्होंने कई राजनीतिक और साहित्यिक रचनाएं भी की थी. यहां के गंगा की घाटों के किनारे वह अक्सर अपनी कविताएं लिखते और गुनगुनाते हुए नजर आते थे.


कानपुर के इस कॉलेज से की है पढ़ाई

आपको बता दें कि अटल बिहारी बाजपेयी ने साल 1945 में कानपुर के डीएवी कॉलेज में दाखिला लिया था. यहां से उन्होंने एमए इन पॉलिटिकल साइंस में दाखिला लिया था. 1947 में उनका यह कोर्स कंप्लीट हुआ था. वह पढ़ने में भी बेहद मेधावी थे, यही वजह है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी में प्रथम डिवीजन लाकर पूरी यूनिवर्सिटी में दूसरा स्थान पाया था. जिसका गवाह आज भी कॉलेज के बोर्ड में दर्ज उनका नाम बताता है.

एलएलबी में भी लिया था दाखिला,पिता थे क्लासमेट

एमए की पढ़ाई पूरी करने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने एलएलबी में दाखिला लिया था. खास बात यह है कि एलएलबी में उनके साथ उनके पिता ने भी दाखिला लिया और दोनों एक ही हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करते थे. हालांकि उस वक्त कुछ राजनीतिक घटनाओं की वजह से उन्हें बीच में ही अपनी एलएलबी की पढ़ाई छोड़नी पड़ी. जिस वजह से वह यहां से अपनी एलएलबी पूरी नहीं कर पाए थे.


गंगा किनारे जमती थी महफिल

अटल बिहारी वाजपेई जितना राजनीति में सक्रिय थे, उतना वह साहित्यिक जीवन में भी सक्रिय थे. वह काव्य रचनाएं करते थे .आए दिन गंगा किनारे घाटों में वह अपने मित्रों के साथ गुनगुनाते हुए नजर आते थे. इसके साथ ही गंगा किनारे वह आकृतियां बनाते हुए भी नजर आते थे.

कानपुर के डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरुण कुमार दीक्षित ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी हमारे कॉलेज के छात्र थे. यह हमारे लिए गर्व की बात है. उन्होंने यहां से एमए की पढ़ाई की. इसके साथ ही उन्होंने एलएलबी में भी दाखिला लिया था, लेकिन वह पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे. यहां पर उनके पिता ने भी उनके साथ दाखिला लिया था. दोनों पिता पुत्र एक साथ एक क्लास में पढ़ाई करते थे और एक ही हॉस्टल में रहते थे. जिस क्लास में अटल बिहारी वाजपेई पढ़ाई करते थे, उसी क्लास को अटल बिहारी बाजपेयी शोध केंद्र के रूप में तब्दील कर दिया गया है. उनके वक्त की हर चीज को संरक्षित करके रखा गया है.  हॉस्टल के जिस कमरे में वह रहते थे उसको भी संरक्षित किया गया है.

Tags: Hindi news, Local18

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