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सीकर के पचार गांव में कानाराम प्रजापत के मिर्ची वड़े बेहद प्रसिद्ध हैं. वे 16 साल से मसालेदार हरी मिर्ची वड़ा बनाते हैं, जिसे मिट्टी की हांडी में तैयार करते हैं. उनके वड़े का स्वाद अनोखा और लाजवाब है.

24 घंटे में मात्र चार घंटे ही दुकान लगता है
हाइलाइट्स
- कानाराम प्रजापत के मिर्ची वड़े सीकर में प्रसिद्ध हैं.
- मिट्टी की हांडी में मसालेदार मिर्ची वड़ा बनाते हैं.
- 24 घंटे में सिर्फ 4 घंटे ही दुकान लगाते हैं.
राहुल मनोहर/सीकर. राजस्थान के सीकर जिले के पचार गांव में मिर्ची वड़ा की मांग बहुत ज्यादा है. यहां लंबी हरी मिर्च को मसालों में भरकर बेसन के साथ तैयार किया जाता है, जिससे इसका स्वाद अनोखा और लाजवाब हो जाता है. मसाले से भरी हरी मिर्च ही मिर्ची वड़ा का असली स्वाद तय करती है. कानाराम प्रजापत, जो पिछले 16 साल से इस कला में माहिर हैं, कम समय में काम करके ही पूरे दिन की पूर्ति कर लेते हैं. वे 24 घंटे में सिर्फ 4 घंटे ही दुकान लगाते हैं और बाकी समय में अपने व्यंजन के जरिए ग्राहकों का दिल जीतते हैं. उनके मिर्ची वड़ा का स्वाद इतना खास है कि हर कोई इसे चखने के लिए उनकी दुकान पर जरूर आता है.
कानाराम प्रजापत पचार गांव के मुख्य बस स्टैंड पर छोटा सा स्टॉल लगाकर मिर्ची वड़ा बनाते हैं. कानाराम के मिर्ची वड़े जिले भर में इतने प्रसिद्ध हैं कि लोग ऑर्डर पर बनवाते हैं. उनके हाथों से बने मिर्ची वड़े को कानजी मिर्ची वड़ा कहा जाता है. खास बात यह है कि वे अन्य लोगों से हटकर स्पेशल रेसिपी के तहत मिर्ची वड़ा बनाते हैं.
मिट्टी की हांडी में बनाते हैं मिर्ची वड़े
कानाराम बताते हैं कि उनके ओर से बनाए गए मिर्ची वड़े पूरी तरह से शुद्ध और सात्विक होते हैं. मिर्ची वड़ा में लगने वाला बेसिक मसाला वे अपने खेत में उगाते हैं और उससे मसाला तैयार करते हैं. उनका कहना है कि ऐसे में उन्हें दुगनी मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन स्वाद बेहतरीन होता है, जिस कारण ग्राहकों की भीड़ उनके स्टॉल पर लगती है. इसके अलावा कानाराम स्टील के बर्तन में मिर्ची वड़े का मसाला तैयार नहीं करते हैं. उन्होंने मसाला तैयार करने के लिए स्पेशल प्रकार की घर से बनी हुई हांडी (छोटा मटका) तैयार किया है. उनका कहना है कि मिर्ची वड़े के स्वाद का राज घर से बनी हुई यह हांडी (छोटा मटका) ही है.
Sikar,Rajasthan
March 12, 2025, 14:54 IST
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