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Masane Ki Holi 2025 :काशी में मंगलवार को अलग नजारा देखने को मिला. एक तरफ रोते-बिलखते लोग. दूसरी तरफ डीजे की तेज आवाज और चिता की राख से होली खेलते अघोरी, तांत्रिक, किन्नर और नागा साधु. यह नजारा काशी के मणिकर्णि…और पढ़ें

महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर चिता भस्म की खेली होली
हाइलाइट्स
- काशी में मणिकर्णिका घाट पर मसाने की होली खेली गई.
- अघोरी, तांत्रिक, किन्नर और नागा साधु शामिल हुए.
- चिता भस्म की होली परंपरा का विरोध भी हुआ.
वाराणसी: काशी अद्भुत है.. काशी अनोखी और यहां की होली सबसे निराली है. इसी काशी में दिगम्बर यानी भगवान शिव भी मसाने में होली खेलते हैं. मंगलवार को भगवान शिव के गणों ने महाश्मशान में जमकर चिता भस्म की होली खेली. इस मसाने की होली में सैकड़ों चिताओं की राख उड़ी. मृत्यु के शोक के बीच सिर्फ काशी में अद्भुत नजारा देखने को मिला.
महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर दिन चढ़ने के साथ ही लोगों की भीड़ जुटी और दोपहर होने के साथ महाश्मशान पर हजारों लोग जुट गए. इस भीड़ के बीच अघोरी, तांत्रिक, किन्नर और नागाओं ने जमकर भस्म उड़ाया. इस दौरान होली खेले मसाने की गीत पर लोग जमकर थिरके.
अदृश्य रूप में आते है महादेव
आयोजक गुलशन कपूर ने बताया कि रंगभरी एकादशी के अगले दिन महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर मसाने की होली होती है. ऐसी मान्यता है कि इस होली में अदृश्य रूप में खुद बाबा विश्वनाथ आते हैं. यही वजह है कि किन्नर,तांत्रिक और अघोरी भी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं. कपाली बाबा ने बताया कि मसाने में होली खेलने की परंपरा पुरानी है. इस परंपरा के तहत आज भी चिता भस्म की होली हुई.
परंपरा से खिलवाड़ नहीं किया जाएगा बर्दाश्त
गौरतलब है कि चिता भस्म की होली को लेकर इस बार काफी विवाद था. लेकिन तमाम विवादों के बाद भी महाश्मशान घाट पर भारी भीड़ जुटी और लोगों ने होली खेली. विश्व हिन्दू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक ने बताया कि काशी परंपराओं का शहर है और महाश्मशान में चिता भस्म की होली की परंपरा भी पुरानी है जिससे किसी तरह का कोई खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
Varanasi,Uttar Pradesh
March 11, 2025, 20:35 IST
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