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कितने GB रैम वाला लैपटॉप चलेगा टकाटक, कंप्यूटर की लाइफ पर रैम का कितना असर?

Tech Knowledge: जैसे-जैसे हमारे रोजमर्रा के कार्य बढ़ते जा रहे हैं, हमारे लैपटॉप्स पर भी बोझ बढ़ रहा है. उसे भी नए और भारी सॉफ्टवेयर पर काम करना पड़ रहा है. लैपटॉप की बेहतर परफॉर्मेंस को बनाए रखने में सबसे अहम भूमिका RAM (रैंडम एक्सेस मेमोरी) निभाती है. हालांकि आज भी बाजार में 8GB RAM या उससे कम वाले लैपटॉप मिलते हैं, लेकिन अब 16GB RAM एक नया मानक बनता जा रहा है. एक्सपर्ट कहने लगे हैं कि आज आधुनिक लैपटॉप्स में 16GB RAM होना जरूरी है. मगर क्यों? चलिए जानते हैं-

RAM असल में आपके लैपटॉप का वर्क एरिया है, जहां सभी एक्टिव प्रोसेस, प्रोग्राम और काम अस्थायी रूप से रहते हैं. इसका मतलब है कि जितनी ज्यादा RAM होगी, आपका लैपटॉप उतने अधिक कार्यों को आसानी से संभाल सकेगा, वह भी बिना अटके. पहले 8GB RAM का मानक था, लेकिन आजकल सॉफ्टवेयर और वेब ऐप्लिकेशन भी एडवांस और ज्यादा फीचर्स के कारण भारी होते जा रहे हैं. उन्हें चलाने के लिए ज्यादा पावर और स्पेस चाहिए होता है, इसलिए अब 8GB RAM पर्याप्त नहीं लगती.

एक उदाहरण के तौर पर, गूगल क्रोम जैसे ब्राउज़र्स को ले सकते हैं. कई बार हर टैब सैकड़ों एमबी रैम का उपयोग करता है, जो कि कुछ स्थितियों में 1GB तक भी पहुंच सकता है. साथ ही, macOS या Windows जैसे ऑपरेटिंग सिस्टमों को भी नियमित कार्यों के लिए अधिक RAM की जरूरत पड़ती है. इस तरह 16GB से कम RAM कई बार रोजमर्रा के काम में भी कम महसूस होने लगती है.

मल्टीटास्किंग और प्रोडक्टिविटी
जैसा कि हमने चर्चा की कि अधिक RAM से आपका लैपटॉप ज्यादा कार्यों को संभाल सकता है, तो यह कई स्थितियों में उपयोगी साबित हो सकता है. चाहे आप एक छात्र हों, जिसे बेसिक वेब ब्राउज़िंग, म्यूजिक प्ले करने के लिए कई ऐप्स की जरूरत होती है, या आप कंटेंट क्रिएशन जैसे भारी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं, 16GB RAM बिना किसी रुकावट के कई कार्यों को एकसाथ चलाने में मदद कर सकती है.

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अधिक RAM क्षमता से क्रिएटिव प्रोफेशनल्स को Adobe Photoshop जैसे डिज़ाइन सॉफ्टवेयर चलाने में मदद मिलती है. वहीं, आम यूजर ब्राउज़र में अधिक टैब्स खोल सकते हैं, अधिक ऐप्स का उपयोग कर सकते हैं, और कुल मिलाकर एक स्मूद अनुभव पा सकते हैं.

गेमर्स और कंटेंट क्रिएटर्स के लिए बेहतर
गेमर्स और कंटेंट क्रिएटर्स को खासतौर पर अधिक रैम की आवश्यकता होती है. गेम्स अब और भी जटिल हो गए हैं, जिनमें रिच ग्राफिक्स और बड़े वर्ल्ड मैप्स शामिल हैं, जिन्हें अधिक मेमोरी की आवश्यकता होती है. 16GB रैम वाले लैपटॉप इन मांगों को संभाल सकते हैं, जिससे गेमिंग अनुभव स्मूथ रहता है और फ्रेम-ड्रॉपिंग की समस्या कम होती है.

कंटेंट क्रिएटर्स के लिए 8GB रैम पर्याप्त नहीं होती. हाई रेजोल्यूशन वीडियो एडिटिंग और ग्राफिक डिज़ाइन का काम भी अधिक रैम की मांग करता है, कम रैम होने पर फ्रीजिंग या क्रैशिंग की समस्या हो सकती है. अतिरिक्त मेमोरी यह सुनिश्चित करती है कि बैकग्राउंड में प्रोग्राम बिना किसी रुकावट के चले, जबकि क्रिएटर अन्य कार्य कर सकें.

8GB रैम के फायदे और सीमाएं
यह ध्यान देने योग्य है कि 8GB रैम अब भी ठीक-ठाक चलती है. जो यूजर केवल ब्राउज़िंग, डॉक्यूमेंट एडिटिंग, या स्ट्रीमिंग जैसे बुनियादी कार्य करते हैं, उनके लिए 8GB रैम अब भी संतोषजनक परफॉर्मेंस दे सकती है. खासकर उन बजट-फ्रेंडली लैपटॉप्स में, जो 30,000 रुपये या उससे कम कीमत में आते हैं. ये सस्ते मॉडल साधारण यूजर्स या छात्रों के लिए उपयुक्त हैं जो भारी मल्टीटास्किंग या एडवांस सॉफ्टवेयर का उपयोग नहीं करते हैं.

हालांकि, यदि आप अधिक प्रोडक्टिविटी, गेमिंग या क्रिएटिव एप्लिकेशंस के लिए लैपटॉप का उपयोग करना चाहते हैं, तो 16GB RAM एक स्मूथ और भरोसेमंद अनुभव देगी. अधिक मेमोरी भविष्य के उपयोग के लिए भी फायदेमंद होती है, और आपके लैपटॉप की उम्र भी बढ़ाती है. इसका अर्थ है कि यह आधुनिक मांगों को बनाए रख सकती है और नए सॉफ्टवेयर के साथ पुरानी नहीं पड़ेगी.

Tags: Tech Knowledge, Tech news

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