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बाराबंकी. इंसान रास्ता खोज लेता है. किसानों ने भी खोज लिया है. ऐसे समय में जब खेती घाटे का सौदा बनती जा रही है, कुछ किसान खेती में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए उन तरीकों का सहारा ले रहे हैं, जिसमें उन्हें बेहद कम लागत में अधिक उपज मिलने की उम्मीद है.
इसी क्रम में, बाराबंकी जिले के कुछ किसान अपने खेतों में सब्जी, दलहन, तिलहन, फल और फूलों की सहफसली विधि से खेती कर रहे हैं. इससे उन्हें लाखों रुपये का मुनाफा हो रहा है.
क्या होती है सहफसली विधि
सहफसली वह कृषि प्रणाली है जिसमें एक ही खेत में दो या दो से अधिक फसलों की एक साथ खेती की जाती है. इसमें एक फसल की लागत दूसरी फसल को लागत फ्री कर देती है.
क्या बोला सहफसली किसान
ऐसे ही एक सहफसली किसान हैं बाराबंकी जिले के सफीपुर गांव के रहने वाले प्रमोद कुमार वर्मा. प्रगतिशील किसान प्रमोद वर्मा ने कई साल पहले सहफसली विधि से खेती की शुरू की, जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ. आज वे करीब एक एकड़ में केला, शिमला मिर्च और ब्रोकली की सहफसली खेती कर रहे हैं. इस खेती से उन्हें एक फसल पर करीब दो से ढाई लाख रुपये मुनाफा हो रहा है.
किसान प्रमोद वर्मा ने लोकल 18 को बताया कि सहफसली खेती हम कई साल से कर हैं. आज करीब एक एकड़ में केला, शिमला मिर्च और ब्रोकली उगाते हैं. केले को तैयार होने में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा. ऐसे में केले के बीच में जो जगह बच जाती हैं, उसमें हमने शिमला मिर्च और ब्रोकली लगाई. इन सब्जियों से लागत निकल आती है, जिससे केले की फसल लागत फ्री हो जाती है.
चलता रहता है क्रम
किसान प्रमोद के अनुसार, ब्रोकली की फसल एक से डेढ़ महीने तक चलेगी और शिमला मिर्च करीब तीन से चार महीने बाद खत्म हो जाएगा. फिर इस खेत में दूसरी फसलों की बुवाई की जा सकती है. जब तक केला तैयार नहीं हो जाता, ये क्रम चलता रहता है.
Tags: Barabanki News, Local18
FIRST PUBLISHED : January 4, 2025, 23:56 IST
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