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किसानों के लिए वरदान है ये मशीन, पराली को बिना जलाए खेतों में ही करती है खत्म, बुवाई के लिए भी शानदार

सुल्तानपुर: धान की पराली से प्रकृति को हो रहे नुकसान को देखते हुए वैज्ञानिकों ने एक नया यंत्र लांच किया है. इसे सुपर सीडर के नाम से जाना जाता है. इस यंत्र के प्रयोग से अब खेतों की पराली को खेत में ही काट दिया जाएगा और उसके साथ साथ गेहूं की बुवाई भी हो जाएगी. सुपरसीडर मशीन के मार्केट में आ जाने से किसानों को पराली से मुक्ति पाने जैसी गंभीर समस्या से छुटकारा मिल जाएगा और गेहूं की बुवाई में भी आसानी होगी. आइए जानते हैं क्या है सुपर सीडर मशीन और ये कैसे काम करती है. इसके साथ ही इस पर सरकार कितना अनुदान दे रही है?

क्‍या है सुपर सीडर मशीन, कैसे बनी?
सुल्तानपुर के जिला कृषि रक्षा अधिकारी दीपचंद चौरसिया ने बताया कि सुपर सीडर मशीन एक मल्टी टास्किंग मशीन है. ये बुवाई, जुताई, मल्चिंग और खाद फैलाने का काम एक साथ कर देती है. इस मशीन के इस्‍तेमाल से खेती का काम बेहद आसान हो जाता है. इसके अलावा इस मशीन से खेत को तैयार करने में लगने वाला समय भी कम हो जाता है और ये लागत को घटा देता है. इससे किसानों का समय और पैसे दोनों की बचत हो जाती है.

पराली जलाने की नहीं पड़ती जरूरत 
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि सुपर स्पीडर मशीन से पराली को कुछ इस प्रकार से नष्ट किया जाता है उसे जलाने की जरूरत नहीं पड़ती. बल्कि सुपर सीडर मशीन पराली को काटकर खेतों में मिला देती है, जिससे खेतों में जैविक खाद भी बन जाती है. सुपर सीडर के इस्तेमाल से पराली प्रबंधन आसानी से किया जा सकता है.

सरकार द्वारा दिया जाता है अनुदान 
दीपचंद चौरसिया ने बताया कि सुपर सीडर यंत्र पर सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है जिसकी प्रक्रिया ऑनलाइन है. सुपर सीडर से बीज की बुवाई और जमीन की तैयारी एक बार में एक साथ हो जाती है. किसी भी फसल के डंठल को नरवाई कहा जाता है. सुपर सीडर मशीन धान और गेहूं की पराली को छोटे- छोटे टुकड़ों में बांटकर मिट्टी में मिला देती है.

Tags: Agriculture, Local18, News18 uttar pradesh, Sultanpur news

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