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Mango crop protection in hindi : गाजीपुर में इस बार आम के पेड़ों पर रिकॉर्ड तोड़ बौर आया है. मौसम ने साथ दिया तो किसानों को काफी फायदा हो सकता है. प्रति हेक्टेयर 15-20 क्विंटल उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है.

लंगड़ा हो या दशहरी, गाजीपुर के आमों में इस बार दिखेगा खास ‘स्वाद का दम’
हाइलाइट्स
- गाजीपुर में आम के पेड़ों पर रिकॉर्ड तोड़ बौर आया है.
- किसानों को प्रति हेक्टेयर 15-20 क्विंटल उत्पादन बढ़ने की उम्मीद.
- लंगड़ा, दशहरी, चौसा हर वैरायटी का स्वाद इस बार खास.
Mango farming tips/गाजीपुर. आम का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाए, तो समझ लीजिए इसके असली दीपाने हैं आप. गाजीपुर की धरती पर आम के पेड़ बौर से लद जाएं, तो मान लीजिए कि किसान की मेहनत और मौसम की मेहरबानी एक साथ हो गई है. गाजीपुर जनपद में 20 हजार हेक्टेयर से ज्यादा इलाके में आम की बागवानी होती है. यहां प्रति हेक्टेयर हर साल औसतन 75 से 80 क्विंटल आम निकलता है, लेकिन इस बार बात कुछ खास है. पेड़ इतने बौर से लदे हैं कि किसान उम्मीद कर रहे हैं 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक ज्यादा आम मिलेगा.
दशहरी, चौसा, लंगड़ा, सफेदा…हर किस्म के आम इस बार तैयार हो रहे हैं. पिछले 10 साल से लंगड़ा आम की खेती कर रहे किसान संजय कुमार बताते हैं, “इस बार मौसम थोड़ा पहले आ गया, इसलिए बौर जल्दी लगे. उत्पादन अच्छा होगा है या नहीं, ये मौसम पर निर्भर है. टिकोला आम इस बार बहुत अच्छा दिख रहा है, जो करीब दो महीने बाद तैयार हो जाएगा.”
रखें इसका ध्यान
कृषि वैज्ञानिक ओमकार सिंह की मानें तो किसानों को इस वक्त सिंचाई और निराई-गुड़ाई पर खास ध्यान देना होगा. अगर टिकोले आ गए हैं तो पानी की कमी न हो– वरना फल गिरने लगते हैं. फरवरी से ही तापमान बढ़ा हुआ है और 25 से सीधे 30 डिग्री तक गया, इसीलिए बौर जल्दी और भारी मात्रा में आए हैं. किसान संजय कुमार का मानना है कि अगर मानसून ठीक रहा और लू कम पड़ी, तो इस बार मुनाफा भी ज्यादा होगा और आम गरीब तबके तक भी आसानी से पहुंचेगा. आम के इस ‘बौर उत्सव’ से किसान, दुकानदार, और आमप्रेमी हर कोई खुश है.
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