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Danger of Cough Syrups: अधिकतर पैरेंट्स सर्दी-खांसी होने पर बच्चों को सिरप पिलाना शुरू कर देते हैं, लेकिन 5-6 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं पिलाने चाहिए. सभी देशों में इसके लिए सख्त गाइडलाइंस बनाई गई हैं.

Cough Syrup Uses Guidelines: राजस्थान और मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में कफ सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत हो गई. इसके बाद देशभर में कफ सिरप को लेकर हंगामा मचा हुआ है और कई राज्यों ने कोल्ड्रिफ सिरप को बैन कर दिया है. जगह-जगह छापेमारी कर जांच की जा रही है. पिछले सप्ताह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि बच्चों में सर्दी-खांसी के मामले सेल्फ लिमिटिंग होते हैं और बिना किसी दवा के ठीक हो जाते हैं. सरकार ने सभी लोगों ने छोटे बच्चों को कफ सिरप न पिलाने का सुझाव दिया है. इसी बीच उत्तर भारत में सर्दियों का मौसम आने वाला है और इस दौरान सर्दी-खांसी के मामलों में उछाल आता है. ऐसे में सभी पैरेंट्स को यह जान लेना चाहिए कि उन्हें किस उम्र तक बच्चों को कोल्ड और कफ सिरप नहीं पिलाने चाहिए. यह भी जानना चाहिए कि कफ सिरप को लेकर दुनियाभर में क्या गाइडलाइंस हैं.
कफ सिरप को लेकर क्या हैं US, US और भारत में नियम?
UK में कफ सिरप को लेकर सख्त नियम हैं. यहां की हेल्थ एजेंसी 6 साल से कम उम्र के बच्चों को ओवर द काउंटर मिलने वाली खांसी की दवाएं और सिरप न देने की सलाह देती हैं. अमेरिका की बात करें, तो यहां सरकारी एजेंसी का साफ निर्देश है कि 2 साल के कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न दिए जाएं. इतना ही नहीं, यहां दवा निर्माता कंपनियां भी लोगों को 4 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने की वॉर्निंग देती हैं. भारत की बात करें, तो यहां की इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिशियन भी 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कोल्ड और कफ सिरप न देने का सुझाव देती है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप समेत कई जगहों पर भी इसी तरह के नियम बनाए गए हैं.
सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी क्या कहती है?
राजस्थान और मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के मामलों के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है. इसमें साफ कहा गया है कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को सर्दी और खांसी की दवाएं प्रिस्क्राइब नहीं करनी चाहिए. आमतौर पर इन्हें 5 साल तक के बच्चों को भी इन दवाओं का सुझाव नहीं दिया जाता है. अगर बच्चे की उम्र 5 साल से ऊपर है, तब डॉक्टर की सलाह पर उन्हें ये दवाएं दी जा सकती हैं, लेकिन सावधानी बरतनी चाहिए. हाल ही में केरल सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए 12 साल से कम उम्र के बच्चों की दवाओं के लिए डॉक्टर का पर्चा अनिवार्य कर दिया है.
बच्चों को खांसी की समस्या हो, तब क्या करना चाहिए?
UK की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) का कहना है कि अगर 1 साल से बड़े बच्चे को खांसी की समस्या हो, तो उसे रात को सोने से पहले आधा से एक चम्मच शहद दिया जा सकता है. यह खांसी में दवा की तरह की असर करता है. हालांकि बच्चे की उम्र 12 महीने से कम हो, तो उसे शहद नहीं देना चाहिए. छोटे बच्चों में सर्दी-खांसी कम करने के लिए सलाइन नेजल ड्रॉप यूज कर सकते हैं और उन्हें सावधानी के साथ दूर से भाप दे सकते हैं. अगर बुखार हो, तो पैरासिटामोल सिरप दे सकते हैं. अगर बच्चे को निगलने में परेशानी हो रही हो या ब्रीदिंग डिफिकल्टी हो, तो ऐसी कंडीशन में तुरंत डॉक्टर से मिलकर ट्रीटमेंट कराएं. इसके अलावा बच्चे को 3 सप्ताह से ज्यादा तक खांसी हो, बुखार पैरासिटामोल से न उतर रहा हो और घरघराहट हो रही हो, तो उस कंडीशन में भी जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें.
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्…और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्… और पढ़ें
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