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एक पिता ने अपनी ही बेटी के साथ कुछ ऐसा करने की कोशिश की जिसे सुन आपकी रूह कांप जाएगी. लेकिन सिंगापुर में रहने वाली बेटी की मौसी के एक कॉल ने सब कुछ बदल कर रख दिया. पिता द्वारा की कई इस दरिंदगी की कहानी सुन आपके…और पढ़ें

5 साल की बेटी के साथ यौन शोषण (image credit-canva)
हाइलाइट्स
- चेन्नई में पिता की हैवानियत
- 5 साल की बेटी के साथ यौन शोषण
- मिली 20 साल की सजा
चेन्नई: सोचिए, जिस पिता के ऊपर आपको सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं, वही पिता आपके साथ कुछ ऐसा करे जिसके बारे में सोचने से पहले ही आपकी रूह कांप जाए तो? ऐसा ही कुछ हुआ चेन्नई की एक मासूम के साथ जहां एक पिता ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दीं. जी हां, तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में एक पिता की हैवानियत का मामला सामने आया है, जिसने अपनी ही 5 साल की बेटी के साथ यौन शोषण किया. लेकिन बेटी की हिम्मत और सिंगापुर रहने वाली उसकी मौसी के एक कॉल के बाद कुछ ऐसा हुआ जिसने सभी की जिंदगी बदल कर रख दी. चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.
7 साल तक चलता रहा दरिंदगी का सिलसिला
दरअसल, पिता का बेटी के साथ दरिंदगी का सिलसिला अप्रैल 2018 में शुरू हुआ, जब पिता ने अपनी बेटी को नहाने के बहाने उसके साथ यौन शोषण करना शुरू किया. बेटी ने जब अपनी मां को इस बारे में बताया, तो घर में लड़ाइयां शुरू हो गई. बावजूद इसके पिता की दरिंदगी कम नहीं हुई, बल्कि बेटी ने शिकायत करना बंद कर दिया, ताकि घर में लड़ाई न हो. पति की दरिंदगी से परेशान मां ने हार मानकर बेटी को अपने रिश्तेदार के घर तिरुवारूर जिले में भेज दिया. लेकिन असल कहानी तब शुरू होती है जब बेटी की मौसी ने एक दिन फोन किया और बेटी से बात की. बेटी ने अपनी मौसी को बताया कि अब वह खुश है, क्योंकि उसके साथ अब कुछ गलत नहीं होता. मौसी ने जब बेटी से और पूछा, तो उसने अपने पिता की दरिंदगी की पूरी कहानी बता दी.
एक कॉल ने बदल दी जिंदगी
पूरा मामला जानने के बाद मौसी की रूह कांप गई और वो तुरंत सिंगापुर से चेन्नई आई. उसने अपनी भांजी को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां मेडिकल टेस्ट में यौन शोषण के बारे में पता चला. इसके बाद पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया और पिता को गिरफ्तार कर लिया गया.
मां ही बनी सबसे बड़ी दुश्मन
लेकिन इस मामले में एक नया मोड़ तब आया, जब बेटी की मां ने 2023 में मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी बेटी की कस्टडी हासिल कर ली. इसके बाद बेटी की मां ने उसे अपने पिता के खिलाफ बयान से मुकरने के लिए दबाव डाला. लेकिन पॉक्सो कोर्ट की जज एम राजलक्ष्मी ने बेटी के पहले के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पिता को 20 साल की सजा सुनाई और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और आखिरकार दरिंदे पिता को सजा मिल गई.
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