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Dehradun: देहरादून में बिहार के चंपारण जैसी मटन हांडी का स्वाद लेना है तो यहां आइये. इस दुकान में आपको वही स्वाद मिलेगा. यहां बिना पानी के मटन को हांडी में तब तक पकाया जाता है जब तक खुद उसकी आटे की सील नहीं टूट…और पढ़ें

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कोयले पर मिट्टी की हांडी में डेढ़ घंटे पकता है ये मटन…स्वाद ऐसा कि लगता है ग्राहकों का मेला!

बी आर चंपारण मीट हाउस पर लीजिये लजीज मटन हांडी का स्वाद

हाइलाइट्स

  • देहरादून में चंपारण मटन हांडी का स्वाद.
  • कोयले पर 1-1.5 घंटे पकता है मटन हांडी.
  • 1400 रुपये प्रति किलो में मिलता है मटन हांडी.

देहरादून. अगर आपने कभी बिहार के चंपारण जिले का मशहूर मटन हांडी खाया है और आप उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी मटन हांडी का स्वाद लेना चाहते हैं तो यहां के दर्शन लाल चौक आ सकते हैं. यहां बी आर चंपारण मीट हाउस में आप  मटन हांडी के अलावा चिकन हांडी और हांडी फिश का स्वाद भी ले सकते हैं. यहां आपको 1400 रुपये प्रति किलो मटन हांडी मिल जाएगी. इसके टेस्ट के दीवाने लोग दूर-दूर से यहां आते हैं.

ऐसा चढ़ा स्वाद की भूल नहीं पाए
बी आर चंपारण मीट हाउस रेस्टोरेंट के मालिक राजीव रंजन कुमार ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए कहा कि वह बिहार के सारण जिले के छपरा के रहने वाले हैं. जब वे पढ़ाई करते थे, तो चंपारण हांडी मीट खाने के लिए जाया करते थे क्योंकि वह उनके नजदीक पड़ता था. उन्होंने बताया कि इस मीट का स्वाद उनकी जुबान पर ऐसा चढ़ा कि वह उसे भूल नहीं पाए. वे होस्टल गए और उन्हें इसे खाने का मन हुआ.

उन्होंने रेसिपी ढूंढकर उसे खुद ही बनाने का ट्राई किया. उनके हाथों का स्वाद इतना गजब था कि सभी को बहुत पसंद आया. इसके बाद उनकी बहन देहरादून आकर रहने लगी और वह भी यहां एनडीए की तैयारी करने लगे. वह अपना बिजनेस शुरू करना चाहते थे, इसलिए नौकरी करके उन्होंने छोटा सा रेस्टोरेंट शुरू कर दिया, जिसे उन्होंने “बी आर चंपारण मीट हाउस” का नाम दिया.

ऐसे होती है तैयार
राजीव ने बताया कि मटन हांडी को आहुना, हांडी मीट या बटलोई भी कहा जाता है. ये चूल्हे, तंदूर या गैस पर नहीं बनता, बल्कि कोयले पर बनाया जाता है. उन्होंने बताया कि वह एक हांडी में लगभग 1 किलोग्राम मटन को धोकर उसमें अपने खास मसाले मिला लेते हैं. इसे बनाने के लिए पानी का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं होता है.

इसमें प्याज, स्वादानुसार नमक, तेल और उनका खुद का तैयार किया गया सीक्रेट मसाला मिलाकर उसे मेरिनेट करके हांडी में डाल दिया जाता है. इसके बाद धीमी आंच में पकने के लिए छोड़ दिया जाता है. लगभग 1 से डेढ़ घंटे बाद हांडी के ढक्कन पर लगी आटे की सील खुद ही टूट जाती है, जिसके बाद इसे सर्व किया जाता है.

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कोयले पर मिट्टी की हांडी में घंटों पकता है ये मटन, लगता है खाने वालों का मेला!

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