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जौनपुर: गर्मियों का मौसम आते ही शरीर को ठंडक की आवश्यकता महसूस होती है. इस तपती गर्मी में बहुत से लोग ताजगी पाने के लिए ठंडे पेय पदार्थों का सेवन बढ़ा देते हैं. खासकर युवाओं और बच्चों में कोल्ड ड्रिंक पीने की आदत आम बात हो गई है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत शरीर के लिए खतरनाक हो सकती है? नेफ्रोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. संदीप देशमुख ने बताया कि गर्मियों में पानी की जगह कोल्ड ड्रिंक का सेवन किडनी समेत कई अंगों के लिए नुकसानदेह हो सकता है. कोल्ड ड्रिंक से ताजगी नहीं, केवल बॉडी का नुकसान होता है.

कोल्ड ड्रिंक में पाया जाता है एसिड वाला तत्व

डॉ. देशमुख के अनुसार कोल्ड ड्रिंक में अत्यधिक मात्रा में शुगर, कैफीन, कार्बोनेट और फॉस्फोरिक एसिड जैसे तत्व पाए जाते हैं. ये तत्व शरीर के तापमान को तो अस्थायी रूप से कम कर देते हैं, लेकिन लंबे समय तक इसका सेवन स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है. खासकर किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है.

ऐसे में लोग सोचते हैं कि कोल्ड ड्रिंक पीकर उन्हें राहत मिल रही है, लेकिन वास्तव में इससे शरीर में डिहाइड्रेशन बढ़ता है. डॉ. देशमुख ने बताया कि कोल्ड ड्रिंक्स मूत्रवर्धक होती हैं, जिससे शरीर से जरूरी पानी बाहर निकल जाता है और शरीर पानी की कमी से जूझने लगता है.

जानें कैसे करता है किडनी पर असर

कोल्ड ड्रिंक में मौजूद फॉस्फोरिक एसिड और हाई फ्रक्टोज कॉर्न सिरप जैसे घटक किडनी में सूजन और पथरी का कारण बन सकता है. ऐसे में नियमित रूप से इसका सेवन करने से किडनी की कार्यक्षमता कमजोर हो सकती है, जिससे भविष्य में किडनी फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है. इसके अलावा शरीर में यूरिक एसिड का स्तर भी असंतुलित हो सकता है, जिससे गठिया और अन्य समस्याएं जन्म लेती हैं.

ब्लड शुगर और मोटापा होता है हावी

डॉ. देशमुख आगे कहते हैं कि कोल्ड ड्रिंक के ज्यादा सेवन से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. एक सामान्य कोल्ड ड्रिंक कैन में लगभग 8 से 10 चम्मच चीनी होती है, जो एक बार में शरीर के लिए बहुत अधिक है. लगातार सेवन से मोटापा बढ़ता है, जिससे हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और लिवर की समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं.

बच्चों और युवाओं के लिए खतरे की घंटी

आजकल के बच्चों और किशोरों में कोल्ड ड्रिंक पीने का चलन बहुत अधिक बढ़ गया है. टेलीविज़न और सोशल मीडिया पर चलने वाले आकर्षक विज्ञापन उन्हें इस ओर खींचते हैं, लेकिन यही आदत आगे चलकर गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में कम उम्र से ही किडनी और लीवर से जुड़ी समस्याएं सामने आ रही हैं, जिसका एक बड़ा कारण इन नकली ताजगी देने वाले पेय हैं.

जानें क्या करें, क्या न करें?

डॉ. देशमुख सलाह देते हैं कि गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए स्वाभाविक पेय पदार्थों का सेवन करें. जैसे: दिनभर में कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी पिएं. नींबू पानी, नारियल पानी, बेल का शरबत, छाछ जैसे देसी उपाय अपनाएं. बाहर का ठंडा पेय लेने से बचें, खासकर प्लास्टिक बोतलों में बिकने वाले पेय पदार्थ. बच्चों को कोल्ड ड्रिंक के खतरों के बारे में बताएं और उन्हें स्वस्थ विकल्प उपलब्ध कराएं.

गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक भले ही ताजगी का आभास दे, लेकिन इसका सेवन लंबे समय में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. विशेष रूप से किडनी पर इसका दुष्प्रभाव सीधे रूप से पड़ता है. इसलिए जरूरी है कि हम और आप मिलकर खुद भी जागरूक बनें और अपने परिवार को भी सही जानकारी दें. सेहत के लिए पानी और प्राकृतिक पेय ही सबसे उत्तम विकल्प हैं.

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