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Maharashtra Kolhapur Ropeway Project: कोल्हापुर में पन्हाला, ज्योतिबा, विशालगढ़ और गगनगिरी मंदिर पर रोप-वे बनाए जाएंगे. महाराष्ट्र सरकार ने 45 रोप-वे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है. इससे पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा…और पढ़ें

कोल्हापुर में पन्हाला, ज्योतिबा और विशालगढ़ में बनेगा रोप-वे.
हाइलाइट्स
- कोल्हापुर में 45 रोप-वे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली.
- विशालगढ़ किले पर रोप-वे से चढ़ाई होगी आसान.
- रोप-वे प्रोजेक्ट्स से पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा.
कोल्हापुर: महाराष्ट्र के कोल्हापुर के लोगों के लिए खुशखबरी है. कोल्हापुर जिले के पन्हाला, ज्योतिबा, विशालगढ़ और गगनबावड़ा के गगनगिरी मंदिर जैसे प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर अब रोप-वे बनाए जाएंगे. महाराष्ट्र सरकार ने राज्यभर में कुल 45 रोप-वे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है. इन प्रोजेक्ट्स के तहत रोप-वे के मार्ग बनाए जाएंगे और इन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक प्रबंधन (NHLM) का समर्थन मिलेगा. सरकार ने इन प्रोजेक्ट्स के लिए आवश्यक जमीन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है और संबंधित स्थानों पर केंद्र सरकार की पर्वतमाला योजना के तहत रोप-वे प्रोजेक्ट्स शुरू किए जाएंगे.
गौरतलब है कि विशालगढ़ किला कोल्हापुर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक दुर्ग है. ये किला कोल्हापुर से 76 किमी उत्तर पश्चिम में स्थित है. ये सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला के बीच बसा हुआ है. यह किला रणनीतिक रूप से अंबा और अनुष्का घाट को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया था. इसे पहले भोजगढ़ के नाम से जाना जाता था, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1659 में इसे जीतकर ‘विशालगढ़’ नाम दिया. आज भी विशालगढ़ का भव्य स्थापत्य और इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
दूरदराज के इलाकों को रोप-वे के माध्यम से जोड़ा जाएगा
बता दें कि केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 2022-23 में राष्ट्रीय रोप-वे कार्यक्रम पर्वतमाला योजना के तहत पहाड़ी क्षेत्रों, भीड़भाड़ वाले शहरों और दूरदराज के इलाकों को रोप-वे के माध्यम से जोड़ा जाएगा. इससे राज्य के विभिन्न पर्यटन और धार्मिक स्थलों का महत्व बढ़ेगा और स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
इस योजना के तहत, रोप-वे मार्ग बनाकर कई लोकप्रिय पर्यटन स्थलों को एक साथ जोड़ने का काम शुरू किया जाएगा. इससे प्रकृति प्रेमियों, पर्यटकों और भक्तों को यात्रा करने में सुविधा होगी. कोल्हापुर जैसे पहाड़ी क्षेत्रों के धार्मिक और पर्यटन स्थलों को इस प्रोजेक्ट से एक नया आयाम मिलेगा.
पर्वतमाला योजना के तहत राज्य के रोप-वे प्रोजेक्ट्स का काम राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के माध्यम से शुरू किया जाएगा. 3 फरवरी को राज्य सरकार और एनएचएलएमएल के बीच एक समझौता हुआ है. इस समझौते के अनुसार, राज्य सरकार इन प्रोजेक्ट्स के लिए आवश्यक सभी सहयोग प्रदान करेगी. इससे स्थानीय पर्यटन के विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. पर्यटकों को एक अलग अनुभव मिलेगा और इससे राज्य के पर्यटन क्षेत्र की प्रगति होगी.
राज्य के 45 रोप-वे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी
राज्य सरकार ने 45 रोप-वे प्रोजेक्ट्स प्रस्तावित किए हैं, जिनमें से 16 प्रोजेक्ट्स राज्य सरकार के माध्यम से और 29 प्रोजेक्ट्स एनएचएलएमएल (राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक प्रबंधन लिमिटेड) के माध्यम से चलाए जाएंगे. इन प्रोजेक्ट्स को राज्य सरकार की मंजूरी मिल चुकी है और इसके लिए आवश्यक जमीन उपलब्ध कराने का सहयोग राज्य सरकार ने लिया है. इन रोप-वे प्रोजेक्ट्स के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग ने 30 साल की लीज पर जमीन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है.
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इस जमीन का उपयोग प्रोजेक्ट निर्माण के लिए किया जाएगा. यदि जमीन किसी अन्य विभाग की होगी, तो उसे संबंधित विभाग से सार्वजनिक निर्माण विभाग को हस्तांतरित कर लीज पर दिया जाएगा. यदि जमीन निजी या गैर-सरकारी होगी, तो उसे अधिग्रहित कर लीज पर दिया जाएगा. इसके अलावा, इन प्रोजेक्ट्स से होने वाली आय में सरकार का हिस्सा रहेगा. इन प्रोजेक्ट्स की बेहतर योजना बनाने के लिए प्रत्येक प्रोजेक्ट के काम के लिए स्वतंत्र डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं. संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद इन प्रोजेक्ट्स का निश्चित समझौता किया जाएगा. इससे स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. इसके माध्यम से कोल्हापुर जैसे पर्यटन स्थलों पर एक नया विकास का मार्ग तैयार होगा.
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