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बता दें कि ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नई दिल्ली के दंत शिक्षा एवं शोध केंद्र ने डेंटल हाईजीन पर लांच किए गए अपने मोबाइल एप में इसकी जानकारी दी है.एम्स के एक्सपर्ट्स ने पेरेंट्स को खासतौर पर बच्चों के दांतों की देखभाल और उन्हें बीमारियों से बचाने के लिए डेंटल हाईजीन को बनाए रखने की सलाह दी है.हेल्दी स्माइल नाम के इस एप पर एम्स एक्सपर्ट की ओर से बताया गया है कि बच्चों के दांतों को कैविटी से बचाना है तो टॉफी-कैंडी ही नहीं बल्कि दूध और जूस सहित ऐसी आधा दर्जन चीजों को लेकर सावधानी बरतनी होगी, जो आजकल बच्चों की पहली पसंद बन चुकी हैं.
एम्स एक्सपर्ट के मुताबिक जब बच्चा मीठी और चिपकने वाली चीजें जैसे टॉफी, कैंडी, बिस्किट, चिप्स, वेफर्स, मीठे लिक्विड जैसे दूध, जूस, कोल्ड ड्रिंक, चाय और फ्रूटी आदि चीजें 24 घंटे में 3 बार से ज्यादा लेता है और इस दौरान एक बार भी ब्रश नहीं करता है तो उसके दांतों में कैविटी की शुरुआत हो जाती है और धीरे धीरे बढ़ने लगती है.जैसे-जैसे इन चीजों का उपभोग बढ़ता जाता है वैसे-वैसे दांतों में सड़न गहराती चली जाती है और एक दिन वह दांत में दर्द के साथ उसको खोखला कर देती है.
दूध और जूस भी हैं खतरा
हेल्दी स्माइल में बताया गया है कि अगर आप दिन में कई बार मीठा दूध या फलों का जूस बच्चे को पीने के लिए देते हैं और इसके बाद बच्चा दांत नहीं साफ करता है तो उसके दांतों में कीड़ा लगने की शुरुआत हो जाती है.यह समस्या बच्चे के दूध के दांतों में ही नहीं बल्कि करीब 6 साल की उम्र में दोबारा आने वाले स्थाई दांतों को भी चपेट में ले सकती है.
एक्सपर्ट कहते हैं कि बच्चों को कुछ भी मीठा खिलाने के बाद सावधानी बरतने की जरूरत है फिर चाहे आपका बच्चा 6 महीने का ही क्यों न हो और उसके मुंह में एक ही दांत क्यों न आया हो.ऐसा करने से आप न केवल उसके दांतों को बचा सकते हैं बल्कि बच्चे के मुंह में पनपने वाले बैक्टीरिया को भी रोक सकते हैं और उसे स्वस्थ रख सकते हैं.
बड़ों के लिए भी चेतावनी
सिर्फ बच्चे ही नहीं अगर बड़े लोग भी इन सब खाद्य पदार्थों को खाने-पीने के बाद के बाद ठीक तरह से मुंह और दांतों को साफ नहीं करते हैं या सुबह और रात में सोते समय ब्रश नहीं करते हैं उनके दांतों में भी सड़न हो सकती है, जो आगे चलकर काफी तकलीफदेह हो सकती है.
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