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बर्ड फ्लू को लेकर दुनिया भर में खौफ था कि कहीं यह इंसानों में न आ जाए. हालांकि एक आध केस इंसानों में भी आया है लेकिन बड़े पैमाने पर किसी भी देश में अब तक इंसानों में बर्ड फ्लू नहीं आया है. अब डब्ल्यूएचओ ने भी कह दिया है कि उतनी चिंता की बात नहीं है जितनी जताई जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक इन्फ्लूएंजा ए यानी एच5एन1 वायरस का खतरा फ‍िलहाल दुन‍िया भर में कम है. कई एजेंसियों के विश्लषण के बाद व‍िश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने बताया है क‍ि मानव संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित पशुओं या दूषित वातावरण के संपर्क में आने से होता है.इसके मामलों में वृद्धि के बावजूद, कुल संख्या कम बनी हुई है, जिसका दुन‍िया के सार्वजनिक स्वास्थ्य पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा है.हालांकि जानवरों से जानवरों में संक्रमण जारी है. खास तौर पर उन क्षेत्रों में जहां इससे निपटने के उपायों का अभाव है.बर्ड फ्लू संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने वाले खेत मजदूरों और अन्य लोगों को व‍िभ‍िन्‍न प्रकार के खतरों का सामना करना पड़ता है.

अब तक इंसान में 76 मामले
इसी साल 17 दिसंबर को जिनेवा में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में विश्व स्वास्थ्य संगठन, एफएओ और डब्ल्यूओएएच के विशेषज्ञों ने वैश्विक एच5एन1 स्थिति का विस्तार से लोगों को बताया. साथ ही वायरस के संभावित विकास के बारे में चेतावनी भी दी.विश्व स्वास्थ्य संगठन की की विशेषज्ञ मारिया वान केरखोव ने बताया कि 2024 तक मानव में एच5एन1 संक्रमण के 76 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. इन मामलों में से 61 मामले सिर्फ अमेरिका के हैं, जो मुख्य रूप से कृषि से जुड़े कार्य करने वाले लोगों में पाए गए हैं.हालांकि एच5एन1 मुख्य रूप से पोल्ट्री वायरस है, जिसके इंसान-से-इंसान में फैलाव का कोई सबूत नहीं मिला है लेकिन वैन केरखोव ने आगाह किया कि यह वायरस तेजी से अपने आप को बदल सकता है. मानव संक्रमण के अलावा अमेरिका ने वन्यजीवों और पॉल्ट्री में व्यापक एच5एन1 प्रकोप की सूचना दी है. साथ ही 15 राज्यों में डेयरी मवेशियों में हाल ही में संक्रमण की जानकारी दी है.एफएओ में वरिष्ठ पशु स्वास्थ्य अधिकारी मधुर ढींगरा ने वैश्विक पोल्ट्री उद्योगों पर महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव पर जोर दिया, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य और पोषण सुरक्षा को खतरा है. पोल्ट्री के अलावा, वायरस ने 500 से अधिक पक्षी प्रजातियों और 70 स्तनधारी प्रजातियों को संक्रमित किया है. इसमें कैलिफोर्निया कोंडोर और ध्रुवीय भालू जैसे लुप्तप्राय जानवर शामिल हैं, जो व्यापक पारिस्थितिकी परिणामों को रेखांकित करता है.

इंसान बर्ड फ्लू से कैसे बचें
बर्ड फ्लू से बचने का सबसे बेहतर तरीका यही है कि पक्षियों से संपर्क से बचें. बर्ड फ्लू मुख्य रूप से संक्रमित पक्षियों से इंसान में फैलता है. इसलिए, पक्षियों, विशेष रूप से मरे हुए पक्षियों से सीधे संपर्क से बचना चाहिए. यदि किसी संक्रमित पक्षी से संपर्क हो तो तुरंत हाथ धोने और सैनिटाइजर का उपयोग करें. इसके अलावा सफाई का ध्यान रखें. हाथों को साबुन और पानी से नियमित रूप से धोना चाहिए, खासकर मांस, अंडे या किसी पक्षी से संपर्क करने के बाद. अगर कहीं पक्षियों के पास से आए हैं तो सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें. पकने से पहले मांस और अंडों को अच्छी तरह से पकाएं. बर्ड फ्लू के वायरस का संक्रमण कच्चे या अधपके मांस और अंडों से हो सकता है. इन्हें हमेशा अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं. जो लोग पक्षी शिकार या पक्षी मांस का व्यापार करते हैं, उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और संभावित जोखिम को कम करने के लिए उचित सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए. यदि किसी को बर्ड फ्लू के लक्षण दिखाई दें, जैसे बुखार, खांसी या सांस लेने में कठिनाई, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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