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आलू की इन दिनों बुवाई चल रही है. बाजार में हर सब्जी का एक सीजन होता है लेकिन मंडी आलू से 12 महीने सजी रहती है. आलू बच्चों से लेकर बड़ों तक का फेवरेट है. लगभग हर दिन घर में आलू, कभी पराठे की शक्ल में तो कभी स्नैक्स, सब्जी, टिक्की या पकौड़ों के रूप में दिख ही जाता है. दुनिया के हर देश में आलू का ही राज है. आलू भले ही टेस्टी लगे लेकिन कुछ लोगों को इसे खाने से बचना चाहिए. आलू की खास बात यह है कि यह केवल खाने या खूबसूरती निखारने के ही काम नहीं आता. इससे दुनिया में कई अनोखे काम किए जा रहे हैं.
आलू विदेशी सब्जी है
आलू को अंग्रेजी पोटैटो (potato) कहते हैं जो स्पैनिश शब्द patata से बना. potato का मतलब है ‘earth apple’ या ‘ground apple’ यानी जमीन का सेब. जिस आलू को हम बड़े शौक से खाते हैं, वह एक विदेशी सब्जी है. लगभग 10 हजार साल पहले दक्षिण अमेरिका के पेरू में आलू की खेती के सबूत मिलते हैं. उस समय आलू को बटाटा कहते थे. इसके बाद स्पेन से आलू यूरोप पहुंचा और यूरोप के व्यापारियों ने भारत में इसकी एंट्री कराई. दरअसल वह आलू को भारत में बेचने के लिए आए थे और तब से आलू देसी बन गया और हर किचन की शान बना. जब आलू यूरोप पहुंचा तो यह गरीब लोगों की सब्जी कहलाता था. अमीर लोग इसे खाने से परहेज करते थे.
हर किसी को नहीं खाने चाहिए आलू
डायटीशियन सतनाम कौर कहती हैं कि आलू में पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्निशियम और फाइबर अच्छी मात्रा में होता है. आलू खाते ही शरीर में तुरंत एनर्जी आती है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट्स का लेवल अच्छा होता है. इसे खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है. कैल्शियम होने की वजह से हड्डियां भी मजबूत रहती हैं. एंटीऑक्सीडेंट्स होने की वजह से स्किन हेल्दी रहती है और झुर्रियां भी नहीं पड़तीं. जो लोग पतले हैं और अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए आलू वरदान है क्योंकि इसमें ज्यादा कैलोरीज होती हैं. लेकिन जिन लोगों का वजन ज्यादा है, उन्हें इसे नहीं खाना चाहिए. वहीं, आलू में ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है जिससे ब्लड शुगर तेजी से बढ़ती है इसलिए जो लोग डायबिटीज के मरीज हैं, उन्हें इसे खाने से बचना चाहिए. पोटैशियम ज्यादा होने की वजह से यह किडनी के मरीजों के लिए जहर है.
अमेरिका में 35% आलू केवल फ्रेंच फ्राइज बनाने के काम में इस्तेमाल होते हैं (Image-Canva)
जब आलू ने खत्म की आयरलैंड की आधी आबादी
आयरलैंड में 1845 से 1852 के बीच ग्रेट फेमिन (Great Famine) का दौर आया. इसे ग्रेट हंगर भी कहा जाता है. दरअसल इस समय आलू में लेट ब्लाइट नाम की फंगस लग गई थी. इन खराब आलूओं को खाने से 10 लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो गई. कई लोग देश से पलायन कर गए. यह आयरलैंड के इतिहास में सबसे काला पन्ना था. जहां इस देश की आबादी 85 लाख थी, वह 1901 में घटकर 44 लाख हो गई.
आलू अंकुरित हो जाए तो ना खाएं
कई बार आलू हरे रंग का होने लगता है. यह जल्दी अंकुरित होता है. इस आलू से परहेज करना चाहिए. नेशनल कैपिटल पॉइजन सेंटर के अनुसार अंकुरित आलू जहरीले होते हैं. इसमें सोलेनिन नाम के पदार्थ निकलता है जो पेट में दर्द कर सकते हैं. इसके अलावा उल्टी, दस्त, मरोड़ और बुखार हो सकता है. ज्यादा दिन तक आलू रखा जाए और वह अंकुरित होने लगे तो उसका स्टार्च शुगर में बदलने लगता है.
न्यूक्लियर रेडिएशन को सोखता आलू
आलू का इस्तेमाल न्यूक्लियर टेस्टिंग में भी किया जाता है. दरअसल कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि भारत में जब पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया तो उसमें आलू का इस्तेमाल हुआ था. अमेरिका के टेनेसी विश्वविद्यालय ने इस पर स्टडी की. रिसर्च में सामने आया कि आलू गामा रेडिएशन को सोख लेता है. इससे न्यूक्लियर बम की रेडिएशन के नुकसान से बचा जा सकता है.
19वीं सदी में आलू के फूल को यूरोप के राजघराने की महिलाएं अपने बालों में सजाती थीं (Image-Canva)
आलू का म्यूजियम
आलू हर किसी की पहली पसंद है इसलिए दुनिया में आलू का म्यूजियम भी है. 1975 में एक क्लासरूम प्रोजेक्ट के तहत बेल्जियम में द पोटैटो म्यूजियम की शुरुआत हुई थी. इसके बाद इसे अमेरिका के वॉशिंगटन में खोला गया. लेकिन 1993 में इसे न्यू मैक्सिको में शिफ्ट कर दिया गया. इस म्यूजियम में कुछ आलू प्रिजर्व करके रखे हुए हैं. साथ ही उसके आकार की कलाकृतियां भी हैं. यहां रिसर्च भी जारी रहती है. आलू पहली सब्जी है जिसे 1995 में अंतरिक्ष में उगाया गया.
आलू के स्टार्च से बनती दवा और कागज
आलू का स्टार्च इंडस्ट्री में खूब इस्तेमाल होता है क्योंकि इसमें स्टार्च की मात्रा ज्यादा होती है. इसे दवा बनाने, टेक्सटाइल, लकड़ी और पेपर इंडस्ट्री में उपयोग किया जाता है. आलू का स्टार्च 100% बायोडिग्रेबल है यानी इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता इसलिए इसे प्लास्टिक की जगह भी इस्तेमाल किया जाता है जैसे इससे डिस्पोजेबल प्लेट्स, ग्लास बनते हैं. कनाडा के न्यू ब्रुंस्विक राज्य में आलू पर स्टडी हुई. इसमें आलू को जीरो वैल्यू वेस्ट बताया गया और कहा गया कि इसके 44,000 टन छिलकों से 50 लाख तक इथेनॉल बन सकती है. यह एक रेनेवेबल फ्यूल है जिससे ट्रांसपोर्टेशन और फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री को फायदा हो सकता है.
Tags: Eat healthy, European union, Fresh vegetables, Health, Potato expensive, United States of America
FIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 13:21 IST
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