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FIITJEE Coaching. नोएडा के सेक्टर-18 में रहने वाले रमेश और सुनीता साधारण जीवन जी रहे थे. रमेश एक सरकारी स्कूल में शिक्षक थे और सुनीता घर संभालती थीं. दोनों का एक ही सपना था कि अपनी बेटी प्रिया को इंजीनियर बनाना. प्रिया, जो 11वीं कक्षा में थी, दिन-रात पढ़ाई करती थी. उसकी आंखों में IIT का सपना चमकता था. रमेश और सुनीता ने सुना था कि फिटजी कोचिंग सेंटर बच्चों के सपनों को पंख देता है. रमेश ने सुनीता से कहा, ‘प्रिया को वहां दाखिला दिला दें, फिर उसका भविष्य सुनहरा होगा’
पर यह आसान नहीं था. फिटजी की फीस 4 लाख रुपये थी. उनके लिए यह रकम उनकी जिंदगी की जमा-पूंजी थी. रमेश ने अपनी पुरानी बाइक बेच दी, सुनीता ने अपने मायके से कुछ पैसे उधार लिए और दोनों ने मिलकर रात-दिन मेहनत करके प्रिया का दाखिला फिटजी के नोएडा सेंटर में करवाया. प्रिया ने भी अपने माता-पिता की मेहनत को देखकर और मेहनत शुरू कर दी. वह सुबह 6 बजे कोचिंग के लिए निकलती और रात 10 बजे लौटती और अक्सर बोलती, ‘मम्मी, मैं IIT जरूर निकालूंगी,’
फिटजी वाली कलंक कथा फिर न हो दोबारा
लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था. जनवरी 2025 की एक ठंडी सुबह प्रिया कोचिंग सेंटर पहुंची तो गेट पर ताला लटका हुआ था. आसपास कुछ अन्य छात्र और उनके माता-पिता भी खड़े थे, सबके चेहरों पर हैरानी और डर था. ‘सेंटर बंद हो गया है,’ एक चौकीदार ने बताया. कोई सूचना नहीं दी गई. प्रिया का दिल बैठ गया. उसने तुरंत पिता को फोन किया. रमेश और सुनीता सेंटर पहुंचे, लेकिन वहां कोई जवाब देने वाला नहीं था. फिटजी का ऑफिस खाली पड़ा था, जैसे रातों-रात सब गायब हो गए हों.
परिवार की आपबीती
रमेश ने फिटजी के हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया, लेकिन वह बंद था. कुछ अभिभावकों ने बताया कि फिटजी ने सेंटर बंद कर दिए हैं और फीस वापस करने की कोई योजना नहीं है. कुछ दिनों बाद खबर आई कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फिटजी के डायरेक्टर डीके गोयल और उनकी पत्नी के ठिकानों पर छापेमारी की. जांच में पता चला कि प्रिया जैसे हजारों छात्रों की फीस को डीके गोयल और उनकी पत्नी ने निजी संपत्तियों, जेवरात और गैरकानूनी निवेश में डाल दिया. यह सुनकर सुनीता फूट-फूटकर रो पड़ी. वह बोली, ‘हमने सोचा था कि वे प्रिया के सपनों को संवारेंगे, लेकिन उन्होंने तो हमारे विश्वास को ही लूट लिया,’
फिटजी का मालिक ने मालकिन पर लुटा दिए करोडों रुपये
प्रिया अब भी पढ़ाई करती है, लेकिन उसकी आंखों की चमक थोड़ी फीकी पड़ गई है. रमेश और सुनीता ने एक छोटे से कोचिंग सेंटर में उसका दाखिला करवाया है, लेकिन उनके दिल में एक सवाल बार-बार उठता है कि क्या मेहनत और भरोसे का कोई मोल नहीं? हजारों परिवार और छात्रों में गम का माहौल है. पूरा देश जानना चाह रहा था कि आखिर देश के कई फिटजी कोचिंग संस्थान रातोंरात कैसे बंद हो गए?
फिटजी ने हजारों छात्रों से मोटी फीस लगभग 206-250 करोड़ रुपये वसूली, जिसमें 2025-26 से 2028-29 तक की अग्रिम फीस भी शामिल थी. इस राशि को कोचिंग के संचालन या कर्मचारियों के वेतन में उपयोग करने के बजाय, इसे निजी निवेश और अन्य कंपनियों में डायवर्ट किया गया. जनवरी 2025 में फिटजी ने दिल्ली-एनसीआर, गाजियाबाद, मेरठ, वाराणसी, भोपाल, और पटना जैसे कई शहरों में अपने सेंटर बिना किसी पूर्व सूचना के बंद कर दिए. इससे लगभग 12000-15000 छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया. ED ने अप्रैल 2024 में दिल्ली, नोएडा, और गुरुग्राम में फिटजी के मालिक डीके गोयल के 8-10 ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान 10 लाख रुपये नकद और 4.89 करोड़ रुपये के जेवरात जब्त किए गए.
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