[ad_1]
Crime Latest News: गुजरात के वडोदरा में हाल ही में दर्द निवारक दवाओं की भारी मात्रा में जब्ती ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. कई हिस्ट्रीशीटर्स (पुराने अपराधी) चोरी, लूट, या सेंधमारी जैसे अपराध करने से पहले ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड और कोडीन सिरप जैसी दवाएं ले रहे हैं, ताकि अपराध के दौरान होने वाले दर्द को कम कर सकें. वडोदरा स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने शहर में अवैध दवा बिक्री के एक रैकेट का पर्दाफाश करते हुए ₹30 लाख से ज्यादा की दवाएं जब्त की हैं और दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
अपराध से पहले दवाएं क्यों ले रहे अपराधी?
SOG की जांच में पता चला कि हिस्ट्रीशीटर्स इन दवाओं का इस्तेमाल इसलिए करते हैं, ताकि अपराध के दौरान चोट लगने या लोगों द्वारा पिटाई होने पर दर्द का अहसास न हो. SOG के पुलिस इंस्पेक्टर एस.डी. रताडा ने बताया कि जांच के दौरान हमें पता चला कि ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड की गोलियां अपराधियों को बेची जा रही थीं. खासकर उन लोगों को जो चोरी, लूट, या सेंधमारी में शामिल हैं. ये अपराधी लूटपाट या चोरी करने से ठीक पहले इन गोलियों का सेवन करते हैं.
रताडा ने आगे कहा कि किसी घर में सेंधमारी या लूटपाट के दौरान पकड़े जाने का जोखिम हमेशा रहता है. अगर ये अपराधी पकड़े जाते हैं और लोगों द्वारा उनकी पिटाई हो जाती है, तो ये दवाएं उन्हें दर्द से बचाती हैं. साथ ही, अपराध के दौरान चोट लगने पर भी ये दवाएं काम आती हैं. ये गोलियां आमतौर पर डॉक्टर गंभीर दर्द के इलाज के लिए प्रिस्क्राइब करते हैं.
कौन हैं गिरफ्तार आरोपी?
पुलिस ने इस मामले में दो लोगों विपुल राजपूत और केयूर राजपूत को गिरफ्तार किया है. दोनों शहर में मेडिकल स्टोर्स के मालिक हैं. विपुल का स्टोर ‘ऑकलैंड फार्मेसी’ और केयूर का स्टोर ‘मां मेडिकल स्टोर’ के नाम से चलता है. इन दोनों ने बिना प्रिस्क्रिप्शन और नियमों को तोड़ते हुए ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड, कोडीन सिरप, और अल्प्राजोलम जैसी दवाओं की अवैध बिक्री की.
SOG ने इनके पास से ₹15.57 लाख की ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड गोलियां और इतनी ही कीमत की कोडीन सिरप और अल्प्राजोलम ज़ब्त की. रताडा ने बताया कि हमने कुल ₹30 लाख से ज़्यादा की दवाएं जब्त की हैं. अब हम उन अपराधियों की तलाश कर रहे हैं, जिन्हें ये दवाएँ बेची गई थीं.
दवाओं का प्रभाव और खतरा
शहर के एक मनोचिकित्सक डॉ. गौतम अमीन ने बताया कि ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड का सेवन न केवल दर्द को कम करता है, बल्कि यह एक नशे की तरह भी काम करता है. उन्होंने कहा कि ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड न सिर्फ दर्द को कम करता है, बल्कि यह व्यक्ति को एक उत्साहपूर्ण (euphoric) अहसास भी देता है. इसका प्रभाव 24 से 48 घंटे तक रहता है, जिसके दौरान व्यक्ति आसानी से दर्द सहन कर सकता है। यह एक नशे की लत वाली दवा है.
अवैध दवा रैकेट का पर्दाफाश
यह ज़ब्ती 15 मार्च 2025 को शुरू हुई एक बड़ी कार्रवाई का हिस्सा है, जब SOG ने विपुल और केयूर के घरों पर छापा मारा और ₹7.89 लाख की कोडीन सिरप जब्त की. इसके बाद, दोनों को छह दिन की रिमांड पर लिया गया. पूछताछ में उन्होंने एक किराए के गोदाम का खुलासा किया, जो वाघोडिया के पाम एक्सोटिका के पास श्री पोर टिंबी गांव में था. इस गोदाम से SOG ने ₹25.54 लाख की कोडीन सिरप और ट्रामाडोल कैप्सूल ज़ब्त किए। यह गोदाम आठ दिन पहले ही किराए पर लिया गया था.
पुलिस अब इस रैकेट की सप्लाई चेन और संभावित सहयोगियों की जांच कर रही है. विपुल और केयूर ने नशे के आदी लोगों को ये दवाएँ बेचने के लिए लेबल बदलने और टू-व्हीलर से डिलीवरी करने जैसे तरीके अपनाए थे, ताकि पकड़े न जाएं.
[ad_2]
Source link