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नई दिल्ली. ग्लॉक पिस्तौल का इस्तेमाल इन दिनों क्राइम करने के लिए खूब हो रहा है. छोटी-सी यह पिस्तौल अपनी विश्वसनीयता और सटीकता के लिए जानी जाती है. हाल के दिनों में भारत में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां आपराधिक मामलों में इसी हथियार का इस्तेमाल किया गया है. पंजाबी सिंगर सिद्ध मूसेवाला के मर्डर में भी यही पिस्टल यूज हुई थी. भारत में यह हथियार पूरी तरह से बैन है, लेकिन फिर भी यहां इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से चल रहा है. जाहिर है देश में इसकी आमद पाकिस्तान से हो रही है. तो चलिए एक नजर डालते हैं, हाल की उन घटनाओं पर जहां इसी ग्लॉक पिस्तौल को यूज किया गया.
पंजाब में सीमा पार से हथियारों की तस्करी
पंजाब के फिरोजपुर जिले में बीएसएफ ने भारत-पाक सीमा के पास एक खेत से एक ग्लॉक पिस्तौल, दो मैगजीन और 35 ग्राम संदिग्ध मादक पदार्थ बरामद किए. ये सभी वस्तुएं पीले रंग की टेप से लिपटी हुई थीं, जिससे यह संकेत मिलता है कि इन्हें सीमा पार से तस्करी के जरिए भेजा गया था.
मुर्शिदाबाद में पुलिस अधिकारी की पिस्तौल छीनी गई
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान, लगभग हजारों लोगों की भीड़ ने एक SDPO की ग्लॉक पिस्तौल छीन ली और उनकी सरकारी गाड़ी में आग लगा दी. इस घटना में पुलिस पर पथराव भी किया गया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई.
अमृतसर में हथियार और मादक पदार्थ बरामद
अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने एक विशेष अभियान के तहत सात ग्लॉक पिस्तौल, सात मैगजीन, 2 किलोग्राम हेरोइन और ₹2 लाख की नकदी बरामद की. इस मामले में तीन सीमा पार से जुड़े ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया.
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या
भगवंत मान सरकार द्वारा सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा कम करने के एक दिन बाद 29 मई, 2022 को पंजाब के मनसा जिले में गाड़ी चलाते समय सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उसकी हत्या में भी अपराधियों ने जिस हथियार का इस्तेमाल किया था, वह ग्लॉक पिस्तौल ही थी.
ग्लॉक पिस्तौल की विशेषताएं
निर्माण: ऑस्ट्रिया की कंपनी ग्लॉक द्वारा निर्मित.
प्रकार: सामान्यतः 9mm कैलिबर की सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल.
विशेषताएं: हल्का वजन, सटीक निशाना और रख-रखाव में आसान.
उपयोग: दुनिया भर की सैन्य, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पसंदीदा।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि ग्लॉक पिस्तौल का दुरुपयोग बढ़ रहा है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं. सीमा पार से हथियारों की तस्करी और आंतरिक सुरक्षा में इनकी भूमिका पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है.
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