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Kharate Ke Nuksan: सोते-सोते कई लोग खर्राटे मारते हैं. इन लोगों पर डायबिटीज और हार्ट की बीमारी का खतरा मंडरा रहा है. लोकल 18 से बात करते हुए डॉक्टर ने इस बारे में बताया.

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खर्राटे लेते हैं तो नुकसान जान लें…आप पर मंडरा रहा है डायबिटीज और हार्ट की बीमारी का खतरा, डॉक्टर ने बताया सच

खर्राटे लेने के नुकसान

हाइलाइट्स

  • खर्राटे लेने से डायबिटीज और हार्ट की बीमारी का खतरा बढ़ता है.
  • खर्राटे लेने से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं.
  • खर्राटे की समस्या के लिए स्लीप स्टडी जरूरी है.

Kharate Ke Nuksan: जब भी हमारे आसपास कोई खर्राटे लेकर सोता है तो हमें लगता है कि वो बहुत गहरी नींद में है. कई लोग खर्राटे लेकर सोने को अच्छी नींद मानते हैं. लेकिन आज हम आपको खर्राटे से जुड़ी हुई एक ऐसी हकीकत बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर यकीनन आप अगली बार जब किसी को अपने आसपास खर्राटे मारते हुए देखेंगे तो उसे डॉक्टर के पास जाने की सलाह देंगे.

दिल्ली एनसीआर के मशहूर डॉक्टर चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर शरद जोशी से लोकल 18 ने बात की. उनके मुताबिक रात में खर्राटे लेना एक सामान्य-सी बात है. लेकिन कुछ लोगों को खर्राटे पैथोलॉजिकली होते हैं. पैथोलॉजिकल खर्राटे में होता यह है कि उनका ऑक्सीजन स्तर कम हो जाता है जिस वजह से बॉडी में स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होने लगते हैं. इसका शरीर पर असर यह पड़ता है.

खर्राटे लेने के नुकसान
स्ट्रेस हार्मोन आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ा देते हैं. आपका शुगर स्तर शरीर में बढ़ जाता है और तो और आपकी हार्ट रेट यानी दिल की गति बढ़ जाती है और आपका वजन भी बढ़ने लगता है. घर के अंदर बैठे-बैठे आप तमाम बीमारियों के शिकार हो जाते हैं और आपको समझ में नहीं आता है कि अच्छा खाना खाने के बावजूद इतनी सारी बीमारियां कैसे हो गई. दरअसल यह पैथोलॉजिकल खर्राटे की वजह से होता है.

ऐसे लोग हो जाएं सावधान 
डॉ. शरद जोशी ने बताया कि जिनको सिर्फ रात में खर्राटे आते हैं, उनको भी एक बार जांच करा लेनी चाहिए. लेकिन उन लोगों को जांच जरूर करानी चाहिए जिनको हर जगह नींद आ जाती है, जो रात में खर्राटे लेकर 8 घंटे तक सोते हैं और सुबह उठने के बाद उनका शरीर ऊर्जावान नहीं होता. इसके बाद भी वह ऑफिस में कहीं बैठे-बैठे गाड़ी चलाते वक्त उनको नींद आने लग जाती है और जहां कहीं भी हो सोते हैं खर्राटे लेने लगते हैं. ऐसे लोगों का नींद में ऑक्सीजन स्तर तेजी से कम होता है. उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और शरीर में स्ट्रेस हार्मोन रिलीज हो जाते हैं. ऐसे लोगों को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.

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इस तरह होता है इसका इलाज 
डॉ. शरद जोशी ने बताया कि खर्राटे की बीमारी में कोई भी टैबलेट का इलाज नहीं चलता है. बल्कि इसमें जब कोई मरीज आता है तो सबसे पहले उसकी एक जांच की जाती है. स्लीप स्टडी होती है जिसे पॉलीसोम्नोग्राफी कहते हैं. इसके तहत हम यह देखते हैं कि मरीज को खर्राटे लेते वक्त उसके शरीर का ऑक्सीजन स्तर कहीं कम तो नहीं हो रहा है.

इन लक्षणों को पहचाने 
डॉक्टर ने कहा कि अगर आप खर्राटे लेकर 8 घंटे तक सोते हैं. इसके बावजूद सुबह उठकर अगर आपके शरीर में ऊर्जा नहीं होती है. आप बैठे-बैठे कहीं पर भी सो जाते हैं और आपका अचानक वजन बढ़ने लग जाए. चलने में आपकी सांस फूल लग जाए या आपका शुगर स्तर बढ़ने लग जाए तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.

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खर्राटे लेते हैं तो नुकसान जान लें…आप पर मंडरा रहा है डायबिटीज का खतरा

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