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झांसी : झांसी ने दुनिया को हॉकी का हुनर सिखाया है. झांसी निवासी मेजर ध्यानचंद को पूरा विश्व ‘हॉकी के जादूगर’ के तौर पर जानता था. अब उनकी इस परंपरा को झांसी के युवा आगे बढ़ा रहे हैं. झांसी की रहने वाली ज्योति सिंह भारतीय जूनियर हॉकी गर्ल्स टीम की कप्तान हैं. लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय दौरे पर रहने के बाद जब ज्योति सिंह झांसी पहुंची तो उनका जोरदार स्वागत किया गया. शहर के माउंट लिट्रा स्कूल के प्रबंधक रोहित पांडेय और स्कूल के छात्रों ने उनका सम्मान किया.
इस दौरान लोकल 18 से खास बातचीत में ज्योति सिंह ने अपने अनुभव साझा किए. ज्योति सिंह ने बताया कि उनके परिवार का खेल से जुड़ाव बहुत पुराना है. उनके पिता और बुआ भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी थे. पिता के साथ वह एथलेटिक्स खेलती थी. लेकिन, अपनी बड़ी बहन को हॉकी खेलते देख, उनका हॉकी के प्रति लगाव बढ़ गया. उन्होंने हॉकी की प्रैक्टिस शुरु कर दी.
सुविधाएं हुई बेहतर
ज्योति ने बताया कि आज खेल के लिए संभावनाएं बढ़ भी गई हैं और बेहतर भी हो गई हैं. जब उनके पिता और बुआ खेलते थे तब सुविधाएं उतनी अच्छी नहीं थी. आज समाज हो या सरकार हर कोई खिलाड़ियों की मदद करता है. प्रैक्टिस से लेकर डाइट और स्वास्थ्य की सुविधा दी जा रही है. हर खिलाड़ी को व्यक्तिगत ट्रेनिंग भी दी जाती है.
खेलों के साथ पढ़ाई पर भी दें ध्यान
ज्योति ने कहा कि नई पीढ़ी को खेल के प्रति लगाव बढ़ाना चाहिए. आज खेलों के लिए सुविधाएं बेहतर हुई है. खिलाड़ियों को कई मौके मिल रहे हैं. खिलाड़ी अनुशासन और मेहनत के साथ ऊंचे से ऊंचा मुकाम हासिल कर सकते हैं. साथ ही खेल के साथ पढ़ाई पर भी ध्यान देना चाहिए. झांसी में भी सुविधाएं अच्छी हो रही है. खिलाड़ियों को अच्छी कोचिंग मिल रही है.
अन्य देशों से सीखना जरुरी
ज्योति ने खेल सुविधाओं के बारे में कहा कि भारत में सुविधाएं बेहतर हुई है. लेकिन, आज भी कई देश हमसे बेहतर हैं. यूरोप के हर एक शहर में 10 से 12 टर्फ होते हैं. बचपन से ही लोग अपने बच्चों को खेलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. इससे अच्छे खिलाड़ी तैयार होते हैं. उनका प्रदर्शन भी अच्छा होता है.
Tags: Jhansi news, Local18, Sporst news, Uttar Pradesh News Hindi
FIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 14:09 IST
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