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पीलीभीत : गन्ने की कटाई के साथ ही पीलीभीत में इंसानों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष की सुगबुगाहट तेज हो गई है. पीलीभीत के दो अलग-अलग इलाकों में रहने वाले लोग बाघ की दहशत में खेतीबाड़ी करने पर मजबूर हैं. वहीं ग्रामीण वन विभाग पर लापरवाही के आरोप भी लगा रहे हैं. नए साल के आगाज के साथ ही पीलीभीत में इंसानों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष की परिस्थितियां बनती नजर आ रही हैं. पीलीभीत के दो अलग-अलग इलाकों में बाघों की चहलकदमी गन्ने के खेतों में देखी जा रही है. वहीं एक जगह पर तो बाघिन के साथ उसके शावक की मौजूदगी का दावा भी ग्रामीणों की ओर से किया जा रहा है.
पहला मामला शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित खरौसा/ सौकतनगर गांव का है. जहां लाल सिंह अपने खेत पर काम करने गए थे इसी दौरान उनकी नज़र खेतों में दौड़ते नीलगायों की झुंड पर पड़ी. किसान के मुताबिक इसी दौरान अचानक एक बाघ और उसका शावक भी जानवरों के पीछे दौड़ते हुए गन्ने के खेत में जा छुपा. इसके बाद उसने पूरे मामले की सूचना अपने ग्राम प्रधान राजकुमार उर्फ़ राजू को दी. ग्रामप्रधान का आरोप था की सूचना देने के घंटों बाद तक भी वन विभाग मौक़े पर नहीं पहुंचा. ऐसे में किसान खेतों में काम कैसे करेंगे यह एक अहम सवाल है.
ग्रामीणों में डर का माहौल
वहीं दूसरी ओर शहर से 6 किलोमीटर दूर स्थित टाह पौटा गांव से भी कुछ ऐसी ही ख़बर सामने आयी है. जानकारी के मुताबिक गांव में गन्ने के खेत में छिपे एक बाघ ने आवारा पशु को अपना शिकार बना लिया है. ग्रामीणों में रोष के चलते डिप्टी रेंजर के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर जुटी रही. हालांकि गन्ने की कटाई का सीज़न होने के चलते ग्रामीणों के बीच खेत पर काम करने जाने में दहशत का माहौल देखा जा रहा है. पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए सामाजिक वानिकी के डिप्टी रेंजर शेर सिंह ने बताया कि बाघ के आबादी में देखे जाने की सूचना मिलने के बाद से ही टीमें निगरानी में जुटी है. साथ ही किसानों को भी जागरूक किया जा रहा है.
FIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 20:42 IST
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