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Nose Bleed And Liver Disease: गर्मियां अपने साथ कई गंभीर परेशानियों को लेकर आती है. नाक से अचानक खून का आना इनमें से एक है. इसे नकसीर फूटना भी कहा जाता है. यह समस्या बच्चों में अधिक देखने को मिलता है. जी हां, नकसीर फूटने को सामान्यता लोग हल्के में लेते हैं. छोटे-मोटे घरेलू उपाय करने लगते हैं. लेकिन, मेडिकल साइंस इसकी अनदेखी न करने की सलाह देती है. क्योंकि, नाक से खून आना एक गंभीर बीमारी का भी संकेत हो सकता है. यदि आपको पहली बार नकसीर फूटने की समस्या हुई है, तब ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है. यदि आपके परिवार में किसी को इस तरह की दिक्कत है तो आपको इस बारे में जरूर जानना चाहिए. अब सवाल है कि आखिर नकसीर फूटना किस बीमारी का संकेत है? गर्मियों में क्यों फूटती हैं नकसीर? क्या हैं इसके लक्षण? इस बारे में News18 को बता रहे हैं जीटीबी हॉस्पिटल नई दिल्ली के मेडिसिन हेड डॉ. अमितेश अग्रवाल.
गर्मी में क्यों होती है नकसीर फूटने की समस्या
एक्सपर्ट के मुताबिक, लिवर संबंधी बीमारी से पीड़ितों को सबसे ज्यदा बार-बार नकसीर फूटने की समस्या हो सकती है. बता दें कि, फैटी लिवर डिजीज के कारण नाक से खून बहने की समस्या तब होती है, जब समय रहते लिवर डिजीज का इलाज न किया जाए. इस बीमारी को एपिस्टेक्सिस भी कहा जाता है. इसके अलावा, नाक से अधिक ब्लीडिंग इसलिए भी हो सकती है, क्योंकि बॉडी ब्लड क्लोटिंग को लेकर अधिक सेंसटिव हो जाती है. इलाज न होने पर लिवर के काम करने की क्षमता कमजोर होने लगती है, जिससे रक्त के थक्के न जमने के कारण नाक से खून बहने लगता है.
लिवर की बीमारी का क्या है संकेत
डॉ. अग्रवाल के अनुसार, यदि समय रहते फैटी लिवर डिजीज का इलाज न किया जाए तो लिवर ठीक से काम करना बंद कर देता है. लिवर के ठीक से काम न करने से क्लॉटिंग प्रोसेस प्रभावित होता है और सामान्य रूप से रक्त के थक्के बनना बंद हो जाते हैं. रक्त पतला होने के कारण नाक से खून बहने लग सकता है. फैटी लिवर डिसीज के शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है. जानकारी न हो पाने से लिवर में पफैट बनती जाती है. इससे लिवर पर सूजन आ सकती है.
फैटी लिवर के मुख्य लक्षण
एक्सपर्ट के मुताबिक, लिवर सिरोसिस में नाक से ब्लीडिंग के अलावा और भी लक्षण देखने को मिल सकते हैं. जैसे- थकान, भूख न लगना, वजन कम होना, मसल्स डैज होना, लिवर पेन, स्किन पीली पड़ना, बाल झड़ना, सूजन आना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. गंभीर लक्षणों की बात करें तो इनसे पर्सनेलिटी में बदलाव होना, नींद न आना, मैमोरी लॉस होना, भ्रम की स्थिति रहना, किसी भी जगह ध्यान केंद्रित न कर पाना शामिल है.
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