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Bee prevention tips: गर्मी में मधुमक्खियां गंध और नई जगह की तलाश में हमलावर हो जाती हैं. यूपी के ललितपुर और मिर्जापुर में हाल ही में मधुमक्खियों ने हमला किया. बचाव के लिए मोटा कंबल या बोरा उपयोगी है.

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हाइलाइट्स
- गर्मी में मधुमक्खियां गंध और नई जगह की तलाश में हमलावर होती हैं.
- मधुमक्खी हमले से बचने के लिए मोटा कंबल या बोरा उपयोगी है.
- ललितपुर और मिर्जापुर में मधुमक्खियों ने हाल ही में हमला किया.
मुकेश पांडेय/मिर्जापुर : गर्मी बढ़ने के बाद अक्सर मधुमक्खी हमलावर नजर आती हैं. हल्की सी चूक वहां मौजूद इंसान के लिए मुसीबत बन जाता है. कई बार मधुमक्खियों के डंक से गंभीर स्थिति हो जाती है. हालांकि, कभी आपने यह सोचा है कि गर्मी में ही क्यों मधुमक्खी हमलावर होती है. अचानक से किसी पर क्यों अटैक बोल देती है. क्या कारण हो सकता है. यह वन विभाग के अधिकारी ने बताया है. प्रभागीय वनाधिकारी के मुताबिक गर्मी में मधुमक्खी गंध और नई जगह की तलाश में रहती है. कई बार तेज धूप में हवा चलने से भी मधुमक्खी हमलावर हो जाती है.
यूपी में बीते दिनों दो जिले में मधुमक्खियों का आतंक देखने को मिला. मधुमक्खियों ने ललितपुर जिले में अधिकारियों पर हमला बोला. वहीं, मिर्जापुर में वन विभाग के प्रशिक्षु दरोगा पर भी मधुमक्खियों ने अटैक किया. अन्य कई मामले सामने आए. प्रभागीय वनाधिकारी ने मधुमक्खियों के हमलावर होने की वजह बताई है. डीएफओ अरविंद राज मिश्रा ने लोकल 18 से बताया कि यहां पर काफी गर्मी पड़ती है. ऐसे में गंध और नए स्थान की तलाश में मधुमक्खियां हमेशा रहती हैं.
यह भी है वजह
अरविंद राज मिश्रा ने बताया कि इधर गर्मी अधिक पड़ती है. इसके साथ ही लू चलती है. ग्रामीण व वन्य क्षेत्र में मधुमक्खियां पेड़ों में अपना छत्ता लगाई रहती हैं. कई बार लू चलने या तेज हवा की वजह से उनका छत्ता हिलता है. इससे मधुमक्खियां हमलावर होती हैं. वहां पर मौजूद लोगों को हमले का पता भी नहीं चल पाता है.
ऐसे करें बचाव
अरविंद राज मिश्र ने बताया कि अगर मधुमक्खी आक्रामक हो तो मोटा कंबल हो या बोरा हो. कोई मोटा कपड़ा हो. इससे बचा जा सकता है. और कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है. बचाव के लिए कई बार आग का प्रयोग करते हैं. हालांकि, सबसे सही कंबल या जूट का बोरा है और उसका प्रयोग कर सकते हैं. पूरे शरीर को ढककर एक जगह बैठ जाएं. जबतक मदद नहीं पहुंच सके.
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