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बचपन में पढ़ाई से कटा बद्रीराम अपराध की दुनिया में चचेरे भाई के साथ चोरी से दाखिल हुआ. पहली बार सफल चोरी के बाद अपराध का ऐसा चस्का लगा कि छोटे-मोटे अपराधों से निकलकर संगठित गिरोह बना लिया. शराब तस्करी से लेकर ख…और पढ़ें

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गर्लफ्रेंड ने तो फंसा दिया! इंप्रेस करने के चक्कर में कार धुलवा रहा था अपराधी, पुलिस ने जाल बिछाकर धर दबोचा

 साइक्लीनर सेल जोधपुर 

हाइलाइट्स

  • बद्रीराम 25 साल से अपराध की दुनिया में सक्रिय था.
  • पुलिस ने बद्रीराम को ओसियां में गिरफ्तार किया.
  • ऑपरेशन नर-नारायण में साइक्लोनर टीम को सम्मान मिलेगा.

जोधपुर:- महानिरीक्षक विकास कुमार की अगुवाई में अपराधियों पर लगातार शिकंजा कस रही पुलिस ने इस बार 25 सालों से अपराध की दुनिया में सक्रिय और 25 महीनों से फरार चल रहे बद्रीराम को घेरकर गिरफ्तार किया. साइक्लोनर टीम की यह एक और बड़ी सफलता है, जिससे प्रदेश में कानून-व्यवस्था को मजबूती मिली है. IG विकास कुमार ने लोकल 18 को बताया कि बद्रीराम पर चोरी, नकबजनी, वाहन चोरी, शराब तस्करी, मारपीट, हत्या के प्रयास, पुलिस पर हमला, बलात्कार और पोक्सो एक्ट जैसे 44 संगीन मामले दर्ज थे. उसने खिन्दाकौर, बापिणी, पूनासर समेत कई मंदिरों को भी निशाना बनाया था. उसकी गिरफ्तारी के लिए राजस्थान पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा था.

बद्रीराम का अपराध जगत और जीवनगाथा
बचपन में पढ़ाई से कटा बद्रीराम अपराध की दुनिया में चचेरे भाई के साथ चोरी से दाखिल हुआ. पहली बार सफल चोरी के बाद अपराध का ऐसा चस्का लगा कि छोटे-मोटे अपराधों से निकलकर संगठित गिरोह बना लिया. शराब तस्करी से लेकर खनन माफिया तक उसकी पहुंच बढ़ गई. लेकिन अपराध की यह दौड़ ज्यादा लंबी नहीं चली. जेल में बंद होने के दौरान कई कुख्यात अपराधियों से संपर्क हुआ और फिर फरार होने के बाद वह आध्यात्म की ओर झुकने लगा. यही कारण रहा कि उसने बागेश्वर धाम, वृंदावन और कुंभ में महीनों बिताए.

गर्लफ्रेंड से मिलने पहले SUV धुलवाने पहुंचा, तो पकड़ा गया
पुलिस को इनपुट मिला कि अपराध की दुनिया में कदम रखने के दौरान बद्री ने मंदिरों में भी चोरी की थी. ऐसे में यह अपने पापों का प्रायश्चित करने उन मंदिरों में जाकर धोक देता था, तभी से पुलिस इसके पीछे लगी थी. इसी दौरान जोधपुर के ओसियां में यह अपने गर्लफ्रेंड से मिलने आया था. इससे पहले यह ओसियां में एक सर्विस सेंटर पर अपनी SUV धुलवाने के लिए खड़ा था. यही साइक्लोनर टीम ने इसे दबोच लिया.

IG विकास कुमार ने इस कार्रवाई को “ऑपरेशन नर-नारायण” नाम दिया। बद्रीराम का जीवन अपराध और आध्यात्म के बीच झूलता रहा.एक ओर उसका विषय-वासनाओं से भरा जीवन था, तो दूसरी ओर वह मंदिरों में शांति खोज रहा था। बद्रीनाथ धाम की तरह ही “नर” और “नारायण” के बीच संघर्ष करता बद्रीराम अंततः पुलिस के शिकंजे में आ गया.

पुलिस टीम को मिलेगा सम्मान
IG विकास कुमार ने इस साहसिक ऑपरेशन में शामिल साइक्लोनर टीम को विशेष कार्यक्रम में सम्मानित करने की घोषणा की. इस टीम में उपनिरीक्षक कन्हैयालाल, प्रमीत चौहान, नेमाराम, देवाराम, हेड कांस्टेबल गजराज, कांस्टेबल अशोक परिहार, झूमर गजरा और मुकनसिंह शामिल थे. अशोक परिहार की तकनीकी और मानवीय सूचना जुटाने में विशेष भूमिका रही, जिससे यह ऑपरेशन सफल हुआ.

IG विकास कुमार की अपील
महानिरीक्षक विकास कुमार ने जनता से अपील की है कि अगर किसी को किसी अपराधी के बारे में कोई सूचना मिलती है, तो वे तुरंत रेंज पुलिस नियंत्रण कक्ष (0291-2650811) या व्हाट्सएप नंबर (9530441828) पर जानकारी दे सकते हैं. सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी जाएगी. इस सफल ऑपरेशन से राजस्थान पुलिस की मजबूत पकड़ और IG विकास कुमार की नेतृत्व क्षमता एक बार फिर साबित हुई है. पुलिस की यह कार्रवाई यह दशार्ती है कि अपराध की दुनिया में भले ही बद्रीराम जैसे लोग अपराध के नए-नए तरीके आजमाते रहें, लेकिन कानून के हाथ उनसे हमेशा लंबे रहेंगे.

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