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आकाश दीप ने इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था. उन्हें बंगाल क्रिकेट संघ के वार्षिक पुरस्कार समारोह में स्पेशल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. सौरव गांगुली के हाथों अवॉर्ड पाकर आकाश दीप गदगद …और पढ़ें

गांगुली के हाथों अवॉर्ड पाकर गदगद टीम इंडिया का तेज गेंदबाज, कहा- मैं आज…
गांगुली के हाथों अवॉर्ड पाकर गदगद टीम इंडिया का तेज गेंदबाज, कहा- मैं आज...आकाशदीप को सौरव गांगुली ने दिया विशेष अवॉर्ड.
नई दिल्ली. आकाश दीप टीम इंडिया के अहम तेज गेंदबाजों में से एक हैं. हाल में उन्होंने भारत के इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज में शानदार गेंदबाजी की थी.बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के वार्षिक पुरस्कारों समारोह में आकाश दीप के शानदार प्रदर्शन के लिए एक विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया. बंगाल के अभिमन्यु ईश्वरन को भी टीम में उनके योगदान के लिए एक विशेष पुरस्कार मिला जो ब्रिटेन दौरे के लिए भारत ए टीम का हिस्सा थे. एक भव्य समारोह में सीएबी ने पूर्व क्रिकेटरों अरूप भट्टाचार्य और श्यामा शॉ को ‘कार्तिक बोस लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार प्रदान किया.

आकाश दीप (Akash Deep) ने ने अवॉर्ड लेने के बाद कहा, ‘मैं इस पुरस्कार के लिए सीएबी को धन्यवाद देना चाहता हूं. संघ ने मेरे क्रिकेट के सफर में मेरी बहुत मदद की है और आज मैं इस मुकाम पर हूं. मैं सीएबी के सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं.’ इस मौके बीसीसीआई और सीएबी के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने आकाश दीप की प्रशंसा की. पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘मैं सभी विजेताओं को बधाई देना चाहता हूं. प्रत्येक खिलाड़ी ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है. मैं सभी को आगामी सत्र के लिए शुभकामनाएं देता हूं.’ इस दौरान लगभग 206 पुरस्कार प्रदान किए गए.

एजबेस्टन टेस्ट में 10 विकेट लेकर 58 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा
इंग्लैंड दौरे पर एक टेस्ट मैच में 10 विकेट लेकर इतिहास रचने वाले इस तेज गेंदबाज ने अपनी कैंसर पीड़ित बहन को समर्पित इस जीत से सबका दिल जीता. आकाशदीप ने इंग्लैंड के एजबेस्टन टेस्ट में 10 विकेट लेकर 58 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था. उन्होंने इस उपलब्धि को अपनी कैंसर पीड़ित बहन अखंड ज्योति को समर्पित किया. उन्होंने कहा, ‘मेरी बहन तीसरे स्टेज के कैंसर से जूझ रही है. मैंने सोचा, उनकी खुशी के लिए मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देना है. इस जीत ने न केवल भारत को गौरवान्वित किया, बल्कि उनकी बहन के चेहरे पर मुस्कान लाया.’

16 साल की उम्र में पिता और बड़े भाई को खो दिया
16 साल की उम्र में पिता और बड़े भाई को खोने के बाद आकाश दीप ने क्रिकेट छोड़ दिया था. मां और बहन के सहारे उन्होंने फिर से बल्ला और गेंद थामी. बंगाल में टेनिस बॉल क्रिकेट से शुरूआत कर वह रणजी, आईपीएल और फिर भारतीय टीम तक पहुंचे. उनकी मेहनत और गांव का प्यार बिहार के युवाओं के लिए प्रेरणा है.आकाश दीप घरेलू क्रिकेट में बंगाल की ओर से खेलते हैं.

Kamlesh Raiचीफ सब एडिटर

करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से…और पढ़ें

करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से… और पढ़ें

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