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Aligarh Latest News: ई-संजीवनी ओपीडी ने ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई हैं. अलीगढ़ के सरकारी अस्पतालों से संचालित यह सेवा फ्री परामर्श और जांचें देती है. लाखों की उम्मीद बनी है.

ई-संजीवनी, अलीगढ़ में ग्रामीणों के लिए बना जीवनरक्षक
हाइलाइट्स
- ई-संजीवनी ओपीडी ने ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई हैं.
- अलीगढ़ के सरकारी अस्पतालों से फ्री परामर्श और जांचें दी जा रही हैं.
- ई-संजीवनी लाखों मरीजों की नई उम्मीद बन चुकी है.
अलीगढ़: भारत सरकार की जनकल्याणकारी योजना ई-संजीवनी ओपीडी आज देश के कोने-कोने में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचा रही है. इस टेलीमेडिसिन सेवा ने खासकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श लेना पहले से कहीं ज्यादा आसान और सुविधाजनक बना दिया है.
अलीगढ़ के सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से संचालित यह सेवा अब डिजिटल इंडिया अभियान की एक मजबूत कड़ी बन गई है. इसके तहत नागरिकों को उनके नजदीकी आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर फ्री परामर्श, प्राथमिक जांच और इलाज की सुविधा दी जाती है. यह पूरी व्यवस्था एमबीबीएस डॉक्टरों और प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से अत्यंत प्रभावी तरीके से संचालित हो रही है.
रोजाना सैकड़ों मरीजों को मिल रहा परामर्श
अहमदपुर ब्लॉक लोधा में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मी अनीष मलिक बताते हैं कि उनके केंद्र पर रोजाना अलग-अलग आयु वर्ग के लोग जैसे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग इलाज के लिए आते हैं. वे पहले मरीजों की प्राथमिक जांच करते हैं और फिर ई-संजीवनी ऐप के ज़रिए वरिष्ठ डॉक्टरों से उन्हें जोड़ते हैं. इससे मरीजों को समय पर सही परामर्श मिल जाता है और साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों को भी अनुभव और जानकारी बढ़ाने का मौका मिलता है.
12 तरह की जांचें हो रही हैं फ्री
इस सेवा के तहत हीमोग्लोबिन, ब्लड शुगर, मलेरिया, प्रेगनेंसी टेस्ट, डेंगू, एचआईवी, हेपेटाइटिस-बी जैसी 12 प्रकार की फ्री जांचें उपलब्ध हैं. पहले इन छोटी-छोटी जांचों के लिए ग्रामीणों को शहरों में जाना पड़ता था, लेकिन अब ये सभी सुविधाएं गांव में ही मिल रही हैं.
सीएचओ हैं पूरे सिस्टम की रीढ़
कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) इस डिजिटल स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ बन चुके हैं. वे ना सिर्फ इलाज कर रहे हैं बल्कि गांवों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी फैला रहे हैं. गोरी देवी, जो अपने बीमार बच्चे को लेकर अहमदपुर केंद्र पहुंची थीं, भावुक होकर बताती हैं कि डॉक्टरों ने बहुत ध्यान से उनके बच्चे का इलाज किया. कंप्यूटर के माध्यम से वरिष्ठ डॉक्टर से भी बात करवाई गई. उनका कहना है कि अब बच्चा पूरी तरह ठीक है और वह इस सेवा के लिए सरकार की दिल से आभारी हैं.
लाखों लोगों की उम्मीद बन चुकी है ई-संजीवनी
ई-संजीवनी ओपीडी अब सिर्फ एक तकनीकी योजना नहीं रही, बल्कि यह लाखों लोगों की ज़िंदगी में बदलाव लाने वाली उम्मीद बन चुकी है. यह सेवा साबित कर रही है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं तकनीक के जरिए हर गांव तक पहुंच सकती हैं और लोगों को बेहतर इलाज मिल सकता है.
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