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Bollywood Actor Manoj Bajpayee : बॉलीवुड में कभी भीखू म्हात्रे से अपनी पहचान बनाने वाले मनोज वाजपेयी इन दिनों अपने गांव आए हुए हैं. इस दौरान उन्होंने गांव क्षेत्र में लोगों से मुलाकात की, खेत में क्रिकेट खेला. …और पढ़ें

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गांव पहुंचे भीखू म्हात्रे ने सरदार खान स्टाइल में चलाई जीप, कट्टा नहीं…क्रिकेट खेला, सरकार को बोल दी बड़ी बात

प्रतीकात्मक तस्वीर 

हाइलाइट्स

  • मनोज वाजपेयी अपने गांव बेलवा कोठी पहुंचे
  • खेत-खलिहान में खेला क्रिकेट
  • गांव की समस्याओं पर की लोगों से चर्चा

पश्चिम चम्पारण. 1998 में आई बॉलीवुड मूवी सत्या ने बिहार के एक नौजवान अभिनेता को अलग पहचान दी. इस फिल्म के एक किरदार भीखू म्हात्रे ने लोगों में अलग ही छाप छोड़ी और यही से पहचान मिली मनोज वाजपेयी को. बॉलीवुड एक्टर मनोज वाजपेयी इन दिनों अपने गांव की सैर पर हैं. कर्मभूमि मुंबई में दशकों गुजारने के बावजूद भी उनका अपनी जन्मभूमि के प्रति लगाव ज़रा भी कम नहीं हुआ है. गर्मियों की शुरुआत हुई नहीं कि हर बार की तरह इस बार भी वो अपने गांव बेलवा कोठी पहुंच गए हैं. यहां वो क्षेत्रीय लोगों से मिलने के साथ गांव की स्थिति पर चर्चा और हर वर्ष बाढ़ की वजह से होने वाली बड़ी क्षति के निवारण पर कुछ खास करने की प्लानिंग कर रहे हैं. इतना ही नहीं, गंभीर मुद्दों से निपटकर उन्होंने खेत में क्रिकेट का भी आनंद लिया, जहां वो देसी स्टाइल में बल्ला पकड़कर बैटिंग करते नज़र आ रहे हैं.


चम्पारण के गम्हरिया टोला के रहने वाले हैं भीखू म्हात्रे
मनोज वाजपेयी का जन्म बिहार के पश्चिम चम्पारण जिला स्थित नरकटियागंज प्रखंड के अंतर्गत आने वाले गम्हरिया टोला में हुआ था. एक्टिंग की दुनिया में जाने के लिए उन्होंने दशकों पहले मायानगरी का रुख किया. शुरुआती संघर्ष के बाद मिली सफलता ने उन्हें स्थायी तौर पर मायानगरी का ही निवासी बना दिया.हालांकि हर साल वो अपने पैतृक गांव कुछ दिनों की सैर पर जरूर आते हैं. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है. मंगलवार एक अप्रैल की रात्रि वो अपने गांव पांच दिनों के दौरे पर पहुंचे.

बाढ़ की समस्या पर सरकार से लगाई मदद की गुहार 
गांव पहुंचने पर मनोज ने ग्रामीणों से मुलाकात की. इस दौरान लोगों ने उन्हें क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या से रूबरू कराया. जंगल के करीब बसे होने के कारण हर वर्ष बरसात में पहाड़ी नदियों द्वारा खेतों को डूबा दिया जाना, साथ ही घरों का जलमग्न हो जाना एक बड़ी समस्या है. दशकों से यहां के लोग इस समस्या से जूझते आ रहे हैं. चूंकि मनोज वाजपेयी की जन्मस्थली भी यही है इसलिए बचपन में उन्होंने खुद भी इस समस्या का सामना किया है. बस, ग्रामीणों की पीड़ा सुन वो भावुक हो उठे और सरकार से इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए गुहार लगा दी.

क्रिकेट खेला और पुरानी जीप देख खुद की ड्राइविंग 
समस्यात्मक पहलुओं पर चर्चा करने के बाद उन्होंने गांव में ही क्रिकेट का आनंद लिया. इस दौरान वो देसी स्टाइल में बल्लेबाज़ी करते नज़र आए. इतना ही नहीं, गांव में ही सफर के दौरान उन्होंने पुरानी जीप देखी और खुद ही ड्राइविंग की. इस दौरान उन्होंने वाल्मीकि नगर स्थित गंडक बैराज का भी भ्रमण किया और यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया.

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