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Rose Farming: गुलाब की खेती के लिए 5.5-6.5 पीएच वाली मिट्टी और 15-27 डिग्री तापमान आदर्श है. गुलाब की कई वैरायटीज़ हैं, जिनकी कीमत ₹200-₹450 प्रति किलो तक होती है. विशेषज्ञ इसे व्यवसायिक अवसर मानते हैं.

गुलाब की खेती
हाइलाइट्स
- गुलाब की खेती के लिए 5.5-6.5 पीएच वाली मिट्टी आदर्श है.
- गुलाब की कीमत ₹200-₹450 प्रति किलो तक होती है.
- गुलाब की खेती व्यवसायिक अवसर है.
बरेली: गुलाब का फूल अपनी मनमोहक खुशबू और आकर्षक रंगों के लिए जाना जाता है. यह सिर्फ सजावट के लिए नहीं, बल्कि पूजा और अन्य आयोजनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गुलाब की खेती कैसे की जाती है? इसमें कौन-कौन सी वैरायटी होती हैं और बाजार में इसकी कीमत क्या है? आइए इस रिपोर्ट में जानते है अब कुछ.
गुलाब की खेती कैसे होती है?
गुलाब को उगाने के लिए उपयुक्त मिट्टी और तापमान की जरूरत होती है. इस फूल की खेती के लिए 5.5 से 6.5 के बीच पी.एच. वैल्यू वाली मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है. साथ ही 15 से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान गुलाब के अच्छे विकास के लिए आदर्श होता है. ज्यादा मिट्टी का उपयोग नहीं करना चाहिए और सिंचाई का एक निश्चित इंटरवल रखना जरूरी होता है.
अक्टूबर महीने में गुलाब की प्रूनिंग (वेंडरिंग) की जाती है, जिसमें पौधों की निडाई-गुड़ाई करके उनमें जरूरी न्यूट्रिएंट्स मिलाए जाते हैं. इसके बाद गुलाब के फूल बेहतर तरीके से विकसित होते हैं.
गुलाब की वैरायटी
गुलाब की कई सुंदर किस्में होती हैं, जिनमें मिनिएचर टाइप रोज, रोज़ी बैंडा टाइप रोज, चाइनीज बी रोज, हाइब्रिड बी रोज और फ्लोरिवेंडा रोज शामिल हैं. इन सभी वैरायटीज़ की बाजार में अलग-अलग मांग होती है और यह मांग गुलाब की गुणवत्ता, रंग, खुशबू और उपयोग के आधार पर तय होती है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर विभागाध्यक्ष, असिस्टेंट प्रोफेसर देवराज सिंह ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि गुलाब का फूल दो प्रमुख तरीकों से उपयोग में आता है- लोकल मार्केट और बुके इंडस्ट्री. उन्होंने बताया, “अभी गुलाब की लोकल वैरायटी की कीमत ₹200 प्रति किलो है. लेकिन जब यही फूल बुके के रूप में बेचा जाता है, तो इसकी कीमत ₹400 से ₹450 प्रति किलो तक पहुंच जाती है. जैसे-जैसे वैरायटी और डिमांड बढ़ेगी, वैसे-वैसे कीमत में भी बढ़ोतरी होती रहेगी.”
गुलाब सिर्फ शौक नहीं, बल्कि एक बेहतरीन व्यवसायिक अवसर भी है. यदि इसे वैज्ञानिक तरीके से उगाया जाए, तो किसान इसे अपनाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं.
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