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Red diamond guava farming : ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई के बाद खेती किसानी में अपनी किस्मत आजमाई और आज कृषि क्षेत्र का माना जाना नाम हैं. इस समय डेढ़ एकड़ में रेड डायमंड और ताइवान पिंक की खेती कर रहे.

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गोंडा का ये किसान उगा रहा रेड डायमंड, जानें इसकी खेती की विधि और इसके फायदे 

रेड डायमंड अमरूद.

गोंडा. उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक किसान ने जिले में पहली बार रेड डायमंड अमरूद की खेती की शुरुआत की है. इस अमरूद में सामान्य अमरूद के मुकाबले स्वाद और क्वालिटी काफी अच्छी होती है. इस अमरूद के पौधे कोलकाता से मंगाए गए हैं. लोकल 18 से बातचीत में प्रगतिशील किसान अक्षयवर सिंह बताते हैं कि उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की उसके बाद खेती किसानी में अपनी किस्मत आजमाई और इस समय को खेती किसानी में सफल भी हैं. इस समय करीब डेढ़ एकड़ में रेड डायमंड और ताइवान पिंक अमरूद की खेती कर रहे हैं.

अक्षयवर सिंह बताते हैं कि उन्होंने बीएससी बीएड तक की पढ़ाई की है. उसके बाद उनको टीचर की नौकरी मिल गई. नौकरी से रिटायर होने के बाद उन्होंने खेती किसानी शुरू की. अक्षयवर के अनुसार, हमें बचपन से ही खेती किसानी का शौक था. नौकरी के साथ-साथ खेती भी किया करते थे. किसान अक्षयवर पारंपरिक खेती छोड़कर रेड डायमंड और ताइवान पिंक अमरूद की खेती लगभग डेढ़ एकड़ में कर रहे हैं. अमरूद की खेती में पारंपरिक खेती के मुकाबले मेहनत और लागत बहुत कम है और मुनाफा भी अधिक है.

कहां से मिला आइडिया

अक्षयवर सिंह बताते हैं कि बगल के किसान सुशील निषाद को देखकर अमरूद की खेती करने का आइडिया आया. सुशील लगभग एक एकड़ में ताइवान पिंक अमरूद की खेती कर रहे हैं. रेड डायमंड और ताइवान पिंक वैरायटी का अमरूद है. रेड डायमंड अमरूद की खेती की शुरुआत गोंडा में सबसे अक्षयवर ने की है.

कितने दिन बाद फल

अक्षयवर सिंह का कहना है कि अमरूद लगाने के 6 महीने बाद फूल और फल आना शुरू हो जाता है लेकिन पहली बार फूल को तोड़ दिया जाता है क्योंकि पौधा काफी छोटा होता है. फूल तोड़ने के कारण पौध अच्छे से सरवाइव करता है. जब दोबारा फूल आता है तो उससे फल लेते हैं.

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