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गोंडा. ये कहानी है उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के विकासखंड रुपईडीह के खरगूपुर के एक युवा किसान की, जो इस वक्त जिले की खेती-किसानी का जाना-पहचाना नाम बन चुके है. हम बात कर रहे हैं उस युवक की जो गुलाब की खेती करके अच्छा खासा टर्नओवर उठा रहा है.
ये कहानी है प्रगतिशील किसान अजमत अली की. लोकल 18 से बातचीत में अजमत बताते हैं कि वे सिर्फ पांचवीं तक की पढ़ाई ही कर सके. आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और अपनी किस्मत खेती में आजमाई. अजमत अली बताते हैं कि पढ़ाई छूटने के बाद उन्होंने गुलाब की खेती करना शुरू किया, जिससे इस समय उन्हें पर्याप्त इनकम हो रही है.
कहां से उगाना सीखा गुलाब
अजमत अली बताते हैं कि उन्होंने अपने पिता को देखकर गुलाब की खेती करना शुरू किया. इसके लिए उन्होंने कहीं से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है. अजमत बताते हैं कि उनके गुलाब देसी प्रजाति के हैं. वे इसकी खेती ढाई बीघा में कर रहे हैं और उसे आगे बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं.
कहां करते हैं सप्लाई
अजमत के अनुसार, वे गुलाब की सप्लाई कहीं नहीं करते हैं, क्योंकि गोंडा में फूलों की मंडी न होने के कारण वह खुद की दुकान पर दूल्हे का सेहरा, गाड़ी सजाना, माला बनाना सहित तमाम काम में अपने खेतों के गुलाब का यूज करते हैं.
कब लगाएं पौधा
प्रगतिशील किसान अजमत अली कहते हैं कि गुलाब का पौधा लगाने के लिए नवंबर से लेकर जनवरी तक सबसे अच्छा मौसम माना जाता है. गुलाब के पौधे को हफ्ते में दो बार पानी देना होता है. खाद भी डालनी होती है और फंगस के लिए दवा का छिड़काव भी करना पड़ता है.
Tags: Gonda news, Local18
FIRST PUBLISHED : December 25, 2024, 20:00 IST
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