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गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां चिड़ियाघर में शेर पटौदी और हाथी गंगा प्रसाद की खास देखभाल की जाती है. पटौदी को 12 किलो मटन और गंगा प्रसाद को 40 किलो हरी सब्जियां दी जाती हैं.

Gorakhpur Zoo
हाइलाइट्स
- शेर पटौदी को रोजाना 12 किलो मटन मिलता है.
- हाथी गंगा प्रसाद को 40 किलो हरी सब्जियां दी जाती हैं.
- चिड़ियाघर में वन्यजीवों की देखभाल विशेषज्ञों की निगरानी में होती है.
गोरखपुर: शहीद अशफाक उल्ला खां चिड़ियाघर में जानवरों का बहुत ध्यान रखा जाता है. यहां रहने वाले शेर ‘पटौदी’ और हाथी ‘गंगा प्रसाद’ बहुत खुश हैं क्योंकि यहां उन्हें अच्छा खाना और देखभाल मिलती है. उनका खाना इस तरह से बनाया जाता है जिससे वे स्वस्थ और तंदरुस्त रहें.
शेर पटौदी का खास मटन डाइट
गोरखपुर चिड़ियाघर का शेर पटौदी रोजाना करीब 12 किलो मांस खाता है. यह मांस बहुत अच्छी क्वालिटी का होता है जो उसे स्वस्थ और ताकतवर बनाए रखने के लिए दिया जाता है. पटौदी के खाने-पीने का पूरा ध्यान रखा जाता है और उसकी सेहत की लगातार जांच होती रहती है. चिड़ियाघर वालों ने पटौदी के रहने की जगह को उसके हिसाब से बनाने की कोशिश की है ताकि उसे वहां खुली हवा में आराम मिले.
हाथी गंगा प्रसाद का वेजिटेरियन खाना
वहीं, चिड़ियाघर में मौजूद हाथी ‘गंगा प्रसाद’ भी अपनी पसंदीदा डाइट का मजा ले रहा है. उसे रोजाना करीब 40 किलो हरी सब्जियां, पेड़ों की छाल और पत्तियां दी जाती हैं. इसके अलावा, गन्ना भी उसके भोजन का अहम हिस्सा है, जिसे वह बड़े चाव से खाता है. गंगा प्रसाद के भोजन की मात्रा और गुणवत्ता का खास ख्याल रखा जाता है, ताकि उसे संपूर्ण पोषण मिल सके.
विशेषज्ञों की देखरेख में मिल रही बेहतर देखभाल
चिड़ियाघर वाले बताते हैं कि पटौदी और गंगा प्रसाद का खाना डॉक्टर और जानवरों के जानकार मिलकर बनाते हैं. इनके खाने के साथ-साथ इनके रहने की जगह की सफाई, खुली हवा और खेलने के साधनों का भी पूरा ध्यान रखा जाता है. पटौदी और गंगा प्रसाद के पूरी सेहत पर नजर रखी जाती है ताकि ये दोनों तंदरुस्त रहें और इन्हें कोई बीमारी या परेशानी न हो.
लोग इन वन्यजीवों को देखने आते हैं
गोरखपुर चिड़ियाघर में इन वन्यजीवों को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं. खासतौर पर बच्चे इन जानवरों को देखने के लिए बेहद उत्साहित रहते हैं. प्रशासन का कहना है कि, चिड़ियाघर में वन्यजीवों के संरक्षण और देखभाल के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे यहां के जीव स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें.
Gorakhpur,Uttar Pradesh
March 15, 2025, 11:22 IST
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