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sparrow conservation campaign: मोबाइल टावरों के रेडिएशन और तमाम अन्य कारणों के चलते गौरेया सहित तमाम पक्षियों को भारी….

गौरैया संरक्षण के लिए तैयार घोंसला
अमेठी: इसे चाहे हमारी जागरूकता का अभाव कहें या फिर हमारी अनदेखी लेकिन पुराने समय की कुछ चीज ऐसी हैं जो आज विलुप्त होती जा रही हैं. अगर उन पुरानी चीजों की बातों को दोहराया जाए तो उनमें पर्यावरण को समझने वाली और अपनी चहक से घर के बगीचे या फिर घर के आंगन को गुलजार करने वाली गौरैया पक्षी भी आती है. आज के समय में गौरैया पक्षी विलुप्त होती जा रही है लेकिन, इस गौरैया को फिर से आंगन की चहक बनाने के लिए एक प्रयास अमेठी में किया जा रहा है. अमेठी में युवाओं की टीम गौरैया संरक्षण के लिए फ्री घोसला बांट कर रही है जिससे गौरैया को बचाकर कर उसे उसका घर दिलाया जाए और लोगों के बीच भी एक अच्छा संदेश जाए.
पिछले वर्ष भी गौरैया सरंक्षण के लिए एक अनोखा प्रयास किया गया था और बड़ी संख्या में घोसले वितरण किए गए थे. इस बार फिर 1,100 से अधिक घोसला वितरित करने का लक्ष्य संगठन की तरफ से रखा गया है. अमेठी सेवा फाउंडेशन की तरफ से गांव-गांव जाकर ऐसे लोग जो स्वेच्छा से घोंसला लेकर अपने घरों में लगाना चाहते हैं उन्हें यह घोंसला वितरित किया जा रहा है जिससे गौरैया पक्षी का संरक्षण किया जा सके.
संगठन से जुड़े अनिल पाल बताते हैं कि यह बहुत ही अच्छी पहल है उन्होंने भी गौरैया संरक्षण के लिए सबसे पहले घोंसला अपने घर में ही लगाया और धीरे-धीरे आसपास के लोगों ने भी उनका सहयोग करना शुरू किया. बाद में वह अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर इस काम को कर रहे हैं. वही संगठन से जुड़े एक और व्यक्ति तूफान सिंह बताते हैं कि इस काम को करने में बड़ा ही अच्छा लगता है. वह लकड़ी का घोंसला तैयार कर फिर उसकी पेंटिंग कर गौरैया संरक्षण के लिए उसे लोगों तक पहुंचाते हैं.
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