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Mobile Addiction Treatment: बोकारो सदर अस्पताल में मोबाइल एडिक्शन से पीड़ित बच्चों के लिए विशेष ओपीडी सेवा शुरू की गई है, जहां काउंसलिंग और दवाइयां मुफ्त मिलेंगी. बिहेवियर थेरेपी और टॉक थेरेपी से बच्चों का इलाज…और पढ़ें

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मानसिक रोग विशेषज्ञ बच्चे से काउंसलिंग करते हुए तस्वीर 

हाइलाइट्स

  • बोकारो सदर अस्पताल में मोबाइल एडिक्शन ओपीडी शुरू.
  • बच्चों को मुफ्त काउंसलिंग और दवाइयां मिलेंगी.
  • बिहेवियर, टॉक और सीबीटी थेरेपी का उपयोग.

बोकारो. आजकल बच्चों में मोबाइल एडिक्शन एक गंभीर समस्या बन गई है, जिससे वे शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में बोकारोवासियों के लिए अच्छी खबर है! अब बोकारो के सदर अस्पताल में मोबाइल एडिक्शन से पीड़ित बच्चों के लिए विशेष ओपीडी सेवा शुरू की गई है. यहां मोबाइल की लत से पीड़ितों को विशेष काउंसलिंग और दवाइयां मुफ्त में दी जा रही हैं. बोकारो सदर अस्पताल की साइकोलॉजिकल काउंसलर सुषमा ने बताया कि इससे पहले भी मानसिक रोग ओपीडी (संख्या 8) में मोबाइल एडिक्शन से जुड़े मरीजों की जांच और दवाइयों का वितरण किया जाता था. लेकिन अब इसे और व्यवस्थित तरीके से किया जा रहा है.

अब बच्चों की स्पेशल काउंसलिंग के साथ-साथ उन्हें जरूरी दवाएं भी निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं. साथ ही, उनके व्यवहार का विश्लेषण कर उन्हें सही सलाह दी जा रही है ताकि वे जल्द से जल्द मोबाइल की लत से छुटकारा पा सकें.

थेरेपी के जरिए काउंसिलिंग
मोबाइल एडिक्शन के उपचार के लिए बिहेवियर थेरेपी, टॉक थेरेपी और सीबीटी थेरेपी का उपयोग किया जा रहा है. इन तरीकों से पीड़ित बच्चों के स्वभाव में सकारात्मक परिवर्तन लाने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा, बच्चों के माता-पिता की भी काउंसलिंग की जाती है ताकि वे समस्या की सही पहचान कर समय पर उचित कदम उठा सकें.

एडिक्शन के लक्षण 
बोकारो सदर अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया कि मोबाइल एडिक्शन के कारण पीड़ितों में एकाग्रता की कमी, मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और गुस्से जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. इस समस्या से पीड़ित मरीज सर्दियों के दौरान मानसिक रोग ओपीडी में सुबह 9:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक परामर्श ले सकते हैं. इसके अलावा, खासतौर पर सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को शाम 4:00 बजे से 6:00 बजे तक मोबाइल एडिक्शन पीड़ितों के लिए विशेष काउंसलिंग उपलब्ध होगी.

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