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maharajganj Kudiya Mata Mandir: महराजगंज जिले के निचलौल क्षेत्र के जंगलों के बीच एक मंदिर स्थित है. इस मंदिर को लेकर लोगों में अलग-अलग धार्मिक मान्यताएं और इससे जुड़ा इतिहास भी व्याप्त है. जंगलों के बीच में स्थ…और पढ़ें

कुड़िया माता मंदिर
हाइलाइट्स
- महराजगंज के जंगलों में स्थित है कुड़िया माता मंदिर.
- मंदिर के पीछे के पोखरे में डूब चुका है एक पूरा गांव.
- मंदिर की दीवारों पर बच्चों द्वारा लगाई गई ढेर सारी घड़ियां हैं.
महराजगंज: यूपी का महराजगंज जिला अपने भौगोलिक स्थिति को लेकर बेहद खास जिला माना जाता है. जिले के एक बड़े हिस्से में जंगलों का क्षेत्र है. जिसकी वजह से यह वनों से समृद्ध जिला माना जाता है. महराजगंज जिले के जंगलों के बीच और जंगलों के आसपास बहुत से धार्मिक स्थल मौजूद हैं. इन धार्मिक स्थलों की अपनी खास ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यताएं हैं. ऐसा ही एक धार्मिक स्थल मौजूद है जिले के निचलौल क्षेत्र के जंगलों के बीच, जिसे कुड़िया माता मंदिर कहा जाता है. यह मंदिर जंगलों के बीच में है. जहां चारों ओर जंगल ही जंगल दिखाई देता है और बीच में एक बड़े परिसर में यह मंदिर बना हुआ है. यह मंदिर अपने भौगोलिक स्थिति के साथ-साथ ऐतिहासिक मान्यताओं के लिए भी बेहद खास है. एक शांत वातावरण में होने की वजह से यहां आने पर एक अलग ऊर्जा और शांति मिलती है.
यहां के पोखरे ने डूब चुका है एक पूरा गांव
ऐतिहासिक मान्यताओं की बात करें तो इस कुड़िया माता मंदिर की एक अलग कहानी है, जो इसे बहुत रोचक बनाती है. कुड़िया माता मंदिर के पीछे एक बड़ा पोखरा देखने को मिलता है. हालांकि वर्तमान समय में इस पोखर में पानी तो नहीं देखने को मिलता, लेकिन ऐसा लगता है कि पानी के ऊपर घास फूस और छोटे-छोटे पेड़ पौधे उग आए हैं, जिसकी वजह से यह पोखरा साफ नहीं दिखता है. ऐसी मान्यता है कि मंदिर के पीछे इस पोखरे में पूरा एक गांव डूब चुका है. एक समय ऐसा हुआ करता था जब इस मंदिर के पीछे एक पूरा गांव हुआ करता था, जो आज के समय में नहीं दिखता है. मंदिर की यह ऐतिहासिक कहानी लोगों के बीच बहुत ही लोकप्रिय है, जिसकी समय-समय पर चर्चा भी होती रहती है.
मंदिर की दीवारों पर दिखती है ढेर सारी घड़ियां
कुड़िया माता मंदिर के साथ एक अलग कहानी भी जुड़ी हुई है. इस मंदिर में जब हम अंदर जाते हैं तो इन मंदिर के दीवारों पर बहुत सी घड़ियां दिखाई देती हैं, जिनके पीछे एक अलग कहानी और मान्यता सुनने को मिलती है. इन घड़ियों की बात करें तो इन घड़ियों को पढ़ने वाले बच्चों ने लगाए हैं. इस मंदिर में बहुत से बच्चे ऐसे आते हैं जो परीक्षा में अच्छे परिणाम की मनोकामना लिए आते हैं. इस तरह से इस मंदिर की दीवारों पर बहुत सी घड़ियां दिखाई देती हैं. जब दीवारों पर घड़ियां बहुत ज्यादा हो जाती हैं तो इन घड़ियों को जो जरूरतमंद लोग होते हैं उनमें बांट दिया जाता है. एक बड़े परिसर में फैला हुआ मंदिर स्थानीय लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध है और एक बड़ी संख्या में लोगों की श्रद्धा इस मंदिर से जुड़ी हुई है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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