Latest Posts:
Search for:

[ad_1]

Last Updated:

Diabetes and Knee Surgery: नई स्टडी में पता चला है कि डायबिटीज के मरीजों को घुटने की सर्जरी कराने से पहले ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना चाहिए. डायबिटीज सर्जरी के बाद इंफेक्शन और खून के थक्के जमने का रिस्क बढ़ा सक…और पढ़ें

घुटने की सर्जरी कराने का है प्लान? जरूर पढ़ लें यह खबर, इंफेक्शन से बचने में मिलेगी मदद ! नई स्टडी में खुलासा

डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर कंट्रोल करके पोस्ट सर्जरी रिस्क कम कर सकते हैं.

हाइलाइट्स

  • डायबिटीज मरीजों में घुटने की सर्जरी के बाद संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
  • इंसुलिन लेने वाले मरीजों को सर्जरी को लेकर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
  • बेहतर ब्लड शुगर कंट्रोल और रिस्क मैनेजमेंट से सर्जरी का रिस्क कम हो सकता है.
Diabetes and Knee Surgery: डायबिटीज के मरीजों को कोई भी सर्जरी कराने से पहले तमाम चेकअप करवाने पड़ते हैं. कई डॉक्टर्स की क्लीयरेंस के बाद ही सर्जरी को हरी झंडी मिलती है. माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति का शुगर लेवल कंट्रोल हो, तो उसे अन्य ट्रीटमेंट में ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है. अब एक नई स्टडी सामने आई है, जिसमें पता चला है कि डायबिटीज न केवल घुटनों में दर्द और जोड़ों की गंभीर क्षति का कारण बन सकता है, बल्कि घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद इन्फेक्शन और खून के थक्के जमने का खतरा भी बढ़ा सकती है.

इस स्टडी में पाया गया कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों में घुटने की सर्जरी के बाद जॉइंट्स में पेरीप्रोस्थेटिक जॉइंट इन्फेक्शन का खतरा 43 प्रतिशत अधिक होता है. इसके अलावा डीप वेन थ्रोम्बोसिस या डीवीटी यानी खून के थक्के जमने का रिस्क भी 45 प्रतिशत ज्यादा होता है. डीवीटी से फेफड़ों की धमनियों में रुकावट यानी पल्मोनरी एम्बोलिज्म हो सकती है, जो मौत का कारण भी बन सकती है. डायबिटीज के मरीजों में अस्पताल में दोबारा भर्ती होने की दर भी 28 प्रतिशत अधिक पाई गई. खासतौर से इंसुलिन लेने वाले डायबिटीज मरीजों में सर्जरी के दौरान और बाद में 60 प्रतिशत ज्यादा मुश्किलें देखी गईं.

स्टडी करने वाले एक्सपर्ट्स ने बताया कि डायबिटीज का असर सर्जरी पर पड़ता है, जिससे शारीरिक कार्यक्षमता और जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है. खराब ब्लड शुगर कंट्रोल सर्जरी के परिणामों को खराब करता है. इस अध्ययन में सुझाव दिया गया कि डायबिटीज के मरीजों के लिए सर्जरी से पहले बेहतर ब्लड शुगर नियंत्रण और रिस्क मैनेजमेंट रणनीतियों की जरूरत है. यह अध्ययन जर्नल ऑफ ऑर्थोपेडिक्स में प्रकाशित हुआ है और इसमें व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-एनालिसिस के आधार पर निष्कर्ष निकाले गए हैं.

नई दिल्ली के वर्धमान मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल के शोधकर्ताओं ने यह स्टडी की है. इसमें इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और फोर्टिस सी-डॉक अस्पताल के एक्सपर्ट भी शामिल थे. रिसर्च में शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि भविष्य में और गहन अध्ययन किए जाएं ताकि ब्लड शुगर नियंत्रण के लिए मानक दिशानिर्देश बनाए जा सकें और डायबिटीज के मरीजों में सर्जरी के रिस्क को कम करने के लिए बेहतर रणनीतियां विकसित की जा सकें. इससे मरीजों को सर्जरी से पहले बेहतर तैयारी और देखभाल मिल सकेगी, जिससे मुश्किलों को भी कम किया जा सकेगा.

अमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें

homelifestyle

घुटने की सर्जरी कराने का है प्लान? जरूर पढ़ लें यह खबर, इंफेक्शन से बच जाएंगे

[ad_2]

Source link

Author

Write A Comment