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Harshvardhan Jain Fake Embassy Case: हर्षवर्धन जैन खुद को चार देशों का राजनयिक सलाहकार और दो देशों का राजदूत बताता है. अब उसे लेकर हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है.

पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के करीबी माने जाने वाले तांत्रिक चंद्रास्वामी का विवादों से गहरा नाता रहा है. नरसिम्हा राव सरकार के दौरान सामने आए कई घोटालों की परछाई चंद्रास्वामी तक भी पहुंची थी. हालात ऐसे बने कि उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भी जाना पड़ा.
हर्षवर्धन ने पीएम, राष्ट्रपति और अन्य नामी हस्तियों के साथ एडिट की गई तस्वीरें भी इस्तेमाल की ताकि लोगों पर प्रभाव डाल सके और ठगी कर सके. उसके पास से फर्जी विदेश मंत्रालय की मुहर, प्रेस कार्ड, और विभिन्न देशों की सील भी बरामद की गई है. इसके साथ ही हर्षवर्धन के किराए के मकान से 44.7 लाख रुपये नकद, 34 रबर स्टैंप, विदेशी मुद्रा, 12 फर्जी राजनयिक पासपोर्ट, 18 नकली डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट और चार लग्जरी गाड़ियां जब्त की गई हैं.
लंदन और दुबई में बनाई 18 कंपनियां
एसटीएफ की टीम ने बताया कि लंदन और दुबई में हर्षवर्धन ने करीब 18 कंपनियां स्थानीय लोगों के साथ मिलकर बनाईं. इन सभी कंपनियों के जरिए हर्षवर्धन हवाला के धंधे में लिप्त था. एसटीएफ ने हर्षवर्धन से उसके और रिश्तेदारों के बैंक की बाबत भी जानकारी जुटाई है.
हर्षवर्धन को बुधवार के दिन UP STF ने गिरफ्तार किया था. दरअसल, वो गाजियाबाद के कविनगर स्थित एक कोठी में 4 फर्जी देशों का दूतावास चला रहा था. जैन खुद को West Artica, Saborga, Poulvia, Londonia जैसे देशों का राजदूत बताता था. हर्षवर्धन जैन को सैटेलाइट फोन रखने के आरोप में पुलिस जेल की हवा भी खिला चुकी है. आज हम आपको इसी हर्षवर्धन जैन की कहानी बताएंगे. साल 1990 के दशक में हर्षवर्धन ने गाजियाबाद के ही एक प्राइवेट कॉलेज से बीबीए की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उसने अपने पिता जेडी जैन से कहा कि वो आगे की पढ़ाई विदेश में करना चाहता है. हर्षवर्धन के जेडी जैन उन दिनों गाजियाबाद में जैन रोलिंग मिल के जरिये ऊंचाइयों पर थे. उन्हीं दिनों उन्होंने मार्बल माइंस के कारोबार में कदम रखा और उसे राजस्थान के बांसवाड़ा और काकरोली तक फैला दिया.
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