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Sadabahar Leaf Benefits: चाहे इसकी पत्तियों का इस्तेमाल करें या इसकी जड़ का या इसके तने का, हर चीज में अमृत का रस भरा हुआ है. यह पौधा प्रकृति का अद्भुत वरदान है.

इस फूल के फायदे.
हाइलाइट्स
- इस फूल को खाली पेट खाने से शरीर को हर तरह का फायदा मिलता है.
- इसकी पत्तियां चबाने से ब्लड शुगर कम होता है.
- यह हर तरह से अमृत समान है.
Sadabahar Leaf Benefits: जड़, पत्तियां, फूल, तना इसके हर चीज में अमृत रस छुपा है. इसलिए इसका नाम सदाबहार या सदासुहागन है. देश के लगभग हर कोनों में सदबहार फूल खिलते हैं. सदाबहार पौधे में 12 महीने फूल खिलते हैं, इसलिए इसे सदाबहार फूल कहा जाता है.आयुर्वेद में सदियों से सदाबहार के पौधे से कई तरह का इलाज किया जाता है. सड़क के किनारे आसानी से उगने वाले छोटे-छोटे सफेद और गुलाबी चमकते फूलों में अद्भुत गुण है. सदबहार का पौधा प्रकृति का नायाब तोहफा है. सदाबहार से डायबिटीज, अस्थमा, रक्तचाप के लिए काल के समान है. आयुर्वेद के विशेषज्ञ बताते हैं कि जैसा इसका नाम है, वैसा ही इसका काम है. सदा सुहागन या जो हमेशा खिला रहता है, यह सर्दी, गर्मी, बरसात और बसंत समेत हर महीने में खिला रहता है. यह शरीर को निरोग रखने और बीमारियों पर प्रहार करने में माहिर है.
खाली पेट पत्तियां चबाने से कई फायदे
औषधीय गुणों से भरपूर सदा सुहागन की पत्तियों को सुबह खाली पेट चबाने से कई लाभ मिलते हैं. पंजाब स्थित बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के बीएएमएस, एमडी डॉक्टर प्रमोद आनंद तिवारी ने सदा सुहागन के गुणों, उसके महत्व और फायदे पर बात की. उन्होंने इन छोटे-छोटे फूलों के बारे में बताया कि सदाबहार के फूल की पत्तियां औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं और इसे आयुर्वेद में सदापूषा के नाम से जाना जाता है. सदाबहार की जड़ों, छालों और पत्तियों के साथ ही फूलों में भी कई गुण होते हैं. इसकी जड़ें इंसुलिन प्रोडक्शन को बढ़ाती हैं, जिससे मधुमेह के मरीज को राहत मिलती है.उन्होंने बताया, “मेटाबॉलिज्म मजबूत होता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर मैनेज होता है. पत्तियों का रोज सुबह खाली पेट सेवन करने से मधुमेह तो कंट्रोल होता ही है, बल्कि अस्थमा के रोगियों को भी काफी राहत मिलती है.“ डॉक्टर तिवारी ने बताया कि सदापूषा में एल्कलॉइड नाम का तत्व पाया जाता है, जिससे इंसुलिन का निर्माण होता है. इसके अलावा इसका कई औषधियों को बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है. यदि आपका रक्तचाप अक्सर गड़बड़ रहता है, तो आपको सदासुहागन की चार से पांच पत्तियों का सेवन जरूर करना चाहिए, इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो उसे नियंत्रित करते हैं और इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.
सांसों की बीमारी के लिए रामबाण
डॉक्टर प्रमोद ने सदा बहार को कैसे खाना चाहिए, इस पर भी प्रकाश डाला है. उन्होंने बताया कि सुबह खाली पेट इसकी चार से पांच पत्तियों को चबाना चाहिए. यदि आप फूलों या पत्तियों का सेवन गर्म पानी के साथ करते हैं तो और भी फायदेमंद होता है. इसका पाउडर भी बाजार में मिलता है, जिसका इस्तेमाल किया जा सकता है. डॉक्टर प्रमोद ने कहा कि आज की लाइफस्टाइल काफी तनाव भरी हो गई है, परिणामस्वरूप अनिद्रा या नींद ना आने की समस्या आम सी बात बन गई है, जो कई बड़े रोगों का कारण है. ऐसे में सदाबहार का इस्तेमाल बेहद लाभदायी है. सांस संबंधित समस्याओं या मधुमेह के साथ ही पाचन संबंधित समस्याओं के लिए भी आयुर्वेदाचार्य सदासुहागन के इस्तेमाल की सलाह देते हैं. इसके पत्तों का काढ़ा सर्दी, खांसी और बुखार से राहत देता है. इसके अलावा दांत और मसूड़ों की समस्याओं में भी राहत देता है. इनपुट-आईएएनएस
March 19, 2025, 17:01 IST
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