[ad_1]
Bruise Treatment: हल्की सी चोट, किसी चीज़ से टकराना या गलती से गिर जाना – ये बातें तो रोजमर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा हैं, लेकिन कई बार इन छोटी-छोटी घटनाओं के बाद शरीर पर पड़ जाने वाले “नील” या नीले निशान हमें परेशान कर देते हैं. दिखने में भले ही ये मामूली लगें, लेकिन इनसे दर्द और सूजन दोनों हो सकते हैं. असल में जब हम कहीं चोट खाते हैं तो उस हिस्से के नीचे मौजूद छोटी-छोटी रक्त नलिकाएं (ब्लड वेसेल्स) फट जाती हैं, जिससे वहां खून जम जाता है. यही जमे हुए खून की वजह से त्वचा का रंग नीला या बैंगनी हो जाता है. आमतौर पर ऐसे निशान कुछ दिनों में अपने आप हल्के पड़ जाते हैं, लेकिन कई बार ये लंबे समय तक बने रहते हैं. कुछ मामलों में तो दर्द और सूजन भी बढ़ जाती है, जिससे परेशानी बढ़ सकती है.
1. चोट के तुरंत बाद करें आइस पैक का इस्तेमाल
चोट लगने के तुरंत बाद अगर आप बर्फ की सिकाई करते हैं, तो नील का निशान बनने से काफी हद तक बचा जा सकता है. बर्फ लगाने से उस जगह की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे खून का बहाव रुक जाता है और खून जमने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है. इसका असर ये होता है कि सूजन कम होती है और दर्द भी कंट्रोल में रहता है.
आप चाहें तो बर्फ के टुकड़े को किसी साफ कपड़े में लपेटकर 10 से 15 मिनट तक उस जगह पर रखें. ध्यान रहे, बर्फ को सीधे त्वचा पर न लगाएं, वरना स्किन को नुकसान हो सकता है. पहले 48 घंटों तक दिन में 3-4 बार आइस पैक से सिकाई करें, इससे काफी राहत मिलेगी.
2. दो दिन बाद करें गर्म पानी की सिकाई
दो दिन बीतने के बाद आप ठंडी सिकाई की जगह गरम पानी की हल्की सिकाई शुरू कर सकते हैं. ऐसा करने से खून का प्रवाह फिर से सामान्य होता है और जहां खून जमा हुआ था, वो धीरे-धीरे पिघलने लगता है. इससे नील का निशान हल्का पड़ने लगता है और सूजन भी कम हो जाती है.
3. चोट वाले हिस्से की मालिश न करें
कई लोग सोचते हैं कि मालिश करने से खून फैल जाएगा और नील जल्दी गायब होगा, लेकिन ऐसा करना नुकसानदेह हो सकता है. चोट वाले हिस्से पर ज़ोर से दबाव डालना या मालिश करना उस जगह की नसों को और चोट पहुंचा सकता है. इससे दर्द बढ़ सकता है और सूजन भी ज्यादा हो सकती है.
इसलिए कम से कम दो दिन तक उस हिस्से को आराम दें. बस हल्के हाथों से सिकाई करें, किसी भी तरह का दबाव न डालें. जब सूजन और दर्द थोड़ा कम हो जाए, तब बहुत हल्की गरम सिकाई की जा सकती है.
4. हेल्दी डाइट भी है ज़रूरी
नील जल्दी भरने के लिए सिर्फ बाहरी इलाज ही नहीं, बल्कि अंदर से भी शरीर को मजबूत रखना ज़रूरी है. विटामिन C और विटामिन K से भरपूर चीज़ें जैसे नींबू, संतरा, अमरूद, पालक और ब्रोकोली खाएं, ये खून के प्रवाह को ठीक रखते हैं और स्किन की हीलिंग प्रोसेस को तेज करते हैं.
साथ ही, शरीर में पानी की कमी न होने दें. पर्याप्त पानी पीने से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और स्किन जल्दी ठीक होती है.
5. कब दिखाएं डॉक्टर को
अगर नील बहुत ज़्यादा गहरा हो जाए, दर्द बढ़ता जाए या कई दिनों बाद भी निशान हल्का न पड़े, तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं. कई बार लगातार नील पड़ना शरीर में विटामिन की कमी या किसी अंदरूनी समस्या का संकेत भी हो सकता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
[ad_2]
Source link