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Yoga Exercises For Pelvic Floor Muscles: यूरिन लीक होना, जिसे मेडिकल भाषा में स्ट्रेस यूरिनरी इनकंटिनेंस कहते हैं, महिलाओं में एक आम समस्या है. यह स्थिति तब होती है जब छींकने, खांसने, हंसने, या भारी वजन उठाने जैसी कामों को करने के दौरान पेल्विक फ्लोर मसल्स कमजोर होने के कारण यूरिन अनजाने में निकल जाता है. हालांकि, इसे रोकने और पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत बनाने के लिए नियमित योगाभ्यास एक प्रभावी उपाय हो सकता है. यहां हम आपको 5 मिनट के कुछ सरल योगाभ्यास बता रहे हैं, जो न केवल आपकी मांसपेशियों को मजबूत करेंगे, बल्कि आपका आत्मविश्वास भी बढ़ाएंगे.
पेल्विक फ्लोर मसल्स को समझें-
हेल्थलाइन के मुताबिक, पेल्विक फ्लोर मसल्स आपकी योनि, मूत्राशय और आंतों को सहारा देती हैं. उम्र बढ़ने, गर्भावस्था, या हार्मोनल बदलाव के कारण ये मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं. कमजोर मांसपेशियों की वजह से मूत्राशय पर नियंत्रण कम हो सकता है, जिससे यूरिन लीकिंग की समस्या हो सकती है. योगाभ्यास इन मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे आपको अपने मूत्राशय पर बेहतर नियंत्रण मिलता है.
योग व्यायाम से इस तरह बनाएं पेल्विक फ्लोर को मजबूत-
कीगल एक्सरसाइज (मूलबंध अभ्यास)– यह योगाभ्यास पेल्विक फ्लोर मसल्स को सीधे प्रभावित करता है. अपनी पेल्विक फ्लोर मसल्स को 5 सेकंड तक कसें और फिर 5 सेकंड के लिए छोड़ें. इसे 10 बार दोहराएं. सुनिश्चित करें कि केवल पेल्विक फ्लोर मसल्स सक्रिय हों; पेट या जांघ की मांसपेशियों को न खींचें.
मलासन (गारलैंड पोज)– पैरों को कंधे-चौड़ाई की दूरी पर रखें और धीरे-धीरे स्क्वाट करें. अपनी कोहनी को घुटनों के अंदर रखें और हाथों को नमस्कार मुद्रा में जोड़ें. इस स्थिति में 30 सेकंड तक रहें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं. यह पेल्विक क्षेत्र में खिंचाव पैदा करता है और मांसपेशियों को सक्रिय करता है.
सेतुबंधासन (ब्रिज पोज)- पीठ के बल लेटें और घुटनों को मोड़ें, पैर जमीन पर रखें. धीरे-धीरे अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं, कंधों और एड़ियों का सहारा लेते हुए. इस स्थिति में 5 सेकंड तक रुकें और वापस आएं. इसे 10-12 बार करें. यह पेल्विक फ्लोर को मजबूत बनाने और रीढ़ की हड्डी को सहारा देने में मदद करता है.
बालासन (चाइल्ड पोज)– अपनी एड़ियों पर बैठें और हाथों को आगे की ओर फैलाएं. माथे को जमीन पर टिकाएं और गहरी सांस लें. यह मुद्रा पेल्विक फ्लोर मसल्स को आराम देने और खिंचाव देने में मदद करती है.
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वज्रासन (थंडरबोल्ट पोज)– घुटनों को मोड़कर एड़ियों पर बैठ जाएं, पैर जमीन से सटे रहें. रीढ़ सीधी रखें और हाथों को घुटनों पर रखें. गहरी सांस लें और इस मुद्रा में 5-10 मिनट तक बैठें, विशेषकर भोजन के बाद. भोजन के बाद इस मुद्रा में बैठना पाचन के साथ-साथ पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों को सक्रिय करने में मदद करता है.
इन बातों का भी रखें ख्याल–
-पर्याप्त पानी पिएं, लेकिन कैफीन और शराब के अधिक सेवन से बचें.
-वजन नियंत्रित रखें. अधिक वजन पेल्विक फ्लोर पर दबाव बढ़ा सकता है.
-संतुलित आहार लें. प्रोटीन और फाइबर युक्त भोजन करें.
-अधिक पेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें.
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