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मथुरा के निखिल कुमार ने अपनी मेहनत और संघर्ष से मुंबई में कोरियोग्राफर के रूप में पहचान बनाई. माता-पिता की मदद से मुंबई जाकर उन्होंने डांस सीखा और सफलता हासिल की.

कोरियोग्राफर निखिल कुमार
हाइलाइट्स
- मथुरा के निखिल कुमार बने मुंबई में कोरियोग्राफर.
- माता-पिता की मदद से निखिल ने मुंबई में डांस सीखा.
- निखिल की सफलता की कहानी बनी प्रेरणा.
मथुरा: अक्सर कहा जाता है कि मेहनत अगर खामोशी से की जाए, तो सफलता शोर मचाती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है मथुरा के निखिल कुमार ने, जिन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष से अपने सपने को पूरा किया. आज वह माया नगरी मुंबई में अपनी पहचान बना रहे हैं और कोरियोग्राफर के रूप में सफलता की कहानी लिख रहे हैं।
निखिल कुमार का जन्म मथुरा के तहसील महावन के छोटे से गांव नगला जंगली में हुआ. बचपन से ही उन्हें डांस का शौक था. उन्होंने हमेशा सोचा था कि एक दिन वह बड़े मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. यह सपना उनके दिल में था, लेकिन यह सिर्फ एक सपना नहीं था. निखिल ने इस सपने को अपनी मेहनत और संघर्ष से सच करने का ठान लिया था.
सपनों की कठिन राह
निखिल ने अपनी शिक्षा पूरी की, लेकिन उनके दिल में एक सपना पल रहा था – डांस और कोरियोग्राफी के क्षेत्र में अपने कदम जमाना. इसके लिए उन्हें मुंबई जाना था. लेकिन मुंबई जाना आसान नहीं था. निखिल के माता-पिता ने अपनी सारी जमा पूंजी जोड़कर उन्हें मुंबई भेजा. निखिल ने खुद को साबित करने के लिए मुंबई की कठिन राहों पर कदम रखा.
उन्होंने मुंबई में पहुंचकर डांस क्लासेज ली और अपने हुनर को निखारा. पहले तो उन्हें बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन निखिल ने कभी हार नहीं मानी. वह जानते थे कि अगर उन्हें अपनी मंजिल तक पहुंचना है, तो उन्हें लगातार मेहनत और लगन से काम करना होगा.
कोरियोग्राफी के फील्ड में रखा कदम
मुंबई में डांस सीखने के बाद, निखिल ने कोरियोग्राफी में अपना कदम रखा. धीरे-धीरे उन्होंने इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनानी शुरू की. उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें एक सशक्त कोरियोग्राफर बना दिया. आज निखिल मुंबई में एक जाना पहचाना नाम बन चुके हैं वह न सिर्फ डांस के क्षेत्र में अपना काम कर रहे हैं, बल्कि अपने माता-पिता के सपनों को भी साकार कर रहे हैं.
निखिल ने कहा कि उनके माता-पिता ने अपनी कड़ी मेहनत से जो कुछ भी कमाया, उसे जोड़कर उन्होंने उसे मुंबई भेजा ताकि वह अपने सपने को पूरा कर सकें. आज उनकी ही बदौलत उसने ये मुकाम हासिल किया है.
संघर्ष से सफलता तक की राह
निखिल कुमार की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर आप अपने सपनों को पूरी मेहनत और लगन से आगे बढ़ाते हैं, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती. निखिल ने अपनी संघर्षमय यात्रा से यह साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो, तो रास्ते में आने वाली सभी कठिनाइयां आसान हो जाती हैं. वह अब मथुरा और बृज भूमि का नाम रोशन कर रहे हैं, और उनके संघर्ष और सफलता की कहानी लाखों लोगों के लिए इंस्पिरेशन बन चुकी है.
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